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भारत में आवारा कुत्तों का सम्मान, मगर मुसलमानों का नहीं, ऐसा क्यों बोले ओवैसी

Stray dogs are respected in India, but not Muslims, why did Owaisi say this?
 
Stray dogs are respected in India, but not Muslims, why did Owaisi say this?
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Mhara Hariyana News: 

गुजरात में गरबा कार्यक्रम में पथराव करने के आरोपी कुछ मुस्लिम व्यक्तियों को पुलिस द्वारा डंडे से पीटे जाने की घटना पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने एक बयान में गुजरात की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत में आवारा कुत्तों का तो सम्मान है, लेकिन मुसलमानों का नहीं है. ओवैसी ने कहा, ‘देश में जहां कहीं भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है. वहां ऐसा लगता है कि जैसे मुस्लिम लोग एक खुली जेल में रह रहे हैं. मुसलमानों से ज्यादा तो वहां सड़क के आवारा कुत्तों का सम्मान है. यही नहीं, मदरसों को भी तोड़ा जा रहा है.’


उन्होंने आगे कहा, ‘गुजरात में पुलिस ने मुस्लिम लोगों को तब पकड़ा, जब यह कहा गया कि उन्होंने नवरात्रि गरबा कार्यक्रम में भीड़ पर पथराव किया था. राज्य की पुलिस ने 300-400 लोगों के सामने मुस्लिम व्यक्तियों को खंभे से बांधकर डंडे से पीटा. वहां लोग नारे लगा रहे थे क्योंकि मुस्लिम पुरुषों को पीटा गया.’ दरअसल, गुजरात के खेड़ा जिले के उंधेला गांव में कुछ दिन पहले नवरात्रि उत्सव के तहत आयोजित एक गरबा डांस प्रोग्राम में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव किया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित 7 लोग घायल हो गए थे.

मस्जिद के पास गरबा करने पर थी आपत्ति
पुलिस ने बताया था कि हमलावरों ने एक मस्जिद के पास गरबा कार्यक्रम का आयोजन किए जाने पर आपत्ति जताई थी. कार्यक्रम का आयोजन उंधेला गांव के सरपंच ने नजदीक स्थित एक मंदिर परिसर में किया था. पुलिस ने पथराव के आरोप में 13 हमलावरों को अपनी गिरफ्त में लिया था. हालांकि केवल तीन आरोपियों की रिमांड मांगी थी. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में पुलिस को तीन आरोपियों को खंभे से बांधकर पीटते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि तीन लोगों को एक पुलिस वाहन से घटनास्थल के पास लाया जाता है. इसके बाद एक पुलिसकर्मी एक आरोपी का खंभे के पीछे से हाथ पकड़ लेता है. जिसके बाद एक अन्य पुलिसकर्मी उन्हें डंडे से पीटता है. इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

टीएमसी ने NHRC में दी शिकायत
इससे पहले, इस मामले में टीएमसी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी. टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा था कि यह शर्म की बात है कि एनएचआरसी ने इस मामले का खुद संज्ञान नहीं लिया. गोखले ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह शर्म की बात है कि एनएचआरसी ने गुजरात में पुलिस द्वारा मुस्लिम युवकों की सार्वजिनक रूप से पिटाई किए जाने के मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया. उनके पास “किसी ने शिकायत नहीं की” का बहाना नहीं होना चाहिए. इसलिए अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रस ने एनएचआरसी में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.’ गोखले ने शिकायत की एक कॉपी भी शेयर की थी.