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गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोड! चुनाव से पहले BJP का बड़ा दांव; कमेटी बनाने की तैयारी

Uniform Civil Code in Gujarat! BJP's big bet before elected
 
Civil Code in Gujarat
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Mhara Hariyana News:

गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) का बड़ा दांव खेल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी की गुजरात सरकार इसको लागू करने के मूल्यांकन समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश कर सकती है. वहीं इस समिति की अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे. इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकारों ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के अपने फैसले की घोषणा की थी.


हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इसे एक असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी कदम करार दिया है. उनका कहना है कि यह कानून उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकारों द्वारा मुद्दों से लोगों का ध्यान महंगाई, अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से हटाने का प्रयास है. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, सत्ता में आने पर यूसीसी को लागू करने का वादा किया गया था.

जनता के चुने प्रतिनिधि बनाएंगे नीति
केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह संसद को देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है. कानून और न्याय मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि नीति का मामला जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को तय करना है और इस संबंध में केंद्र द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है. मंत्रालय ने शीर्ष अदालत से कहा कि विधायिका को कानून बनाना या नहीं बनाना है.

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम. इसका अर्थ है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो.