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हिमाचल के साथ क्यों नहीं हुआ गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान? ये बड़ी वजह

Why was the Gujarat election dates not announced with Himachal? this is a big reason

 
Why was the Gujarat election dates not announced with Himachal? this is a big reason
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Mhara Hariyana News:

देश में चुनावी माहौल की सरगर्मियां शुरू हो गई है. इसी बीच इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को गुजरात विधानसभा के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है. दरअसल, राजधानी दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है. इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा. बता दें कि, चुनाव आयोग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में के चुनाव 12 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को की जाएगी.


दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा ना करने पर बताया कि परंपरा, मतदान की तारीखों में अंतर और मौसम सहित विभिन्न कारकों पर विचार के बाद फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि कहा, कई राज्यों में चुनावों की घोषणा से कुछ के परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसके साथ ही आचार संहिता की अवधि भी लंबी हो जाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की विधानसभाओं की समाप्ति के बीच 40 दिनों का अंतर है. नियमों के अनुसार, यह कम से कम 30 दिनों का होना चाहिए ताकि एक रिजल्ट दूसरे को प्रभावित न करें.

CEC ने हिमाचल प्रदेश पर मौसम का दिया हवाला
वहीं, पत्रकार के जवाब पर उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों हिमाचल और गुजरात में मतों की गिनती साथ में होगी या नहीं, ये हम तब बताएंगे जब गुजरात की घोषणा करेंगे.इसके साथ ही उन्होंने पहले पहाड़ी राज्य के लिए चुनाव की घोषणा के पीछे हिमाचल प्रदेश के मौसम का भी हवाला दिया है. चूंकि, हिमाचल प्रदेश में मौसम जैसे कई समस्याएं हैं. हम हिमपात शुरू होने से पहले हिमाचल में चुनाव कराना चाहते हैं, खास तौर पर उन ऊंचाई वाले इलाकों में जहां भारी बर्फबारी होती है.

फर्जी खबर को किया जाएगा नजरअंदाज
इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने सख्त हिदायतें देते हुए कहा कि चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर आयोग की तरफ से लगातार नजर रखी जाएगी. किसी भी तरह की फर्जी खबर को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. साथ ही उस पर तत्काल एक्शन लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.उन्होंने मुफ्त चुनावी घोषणाओं, सौगातों पर साफ तौर पर कहा कि हम सभी चुनावी प्रदेशों में किसी भी तरह के प्रलोभन को कतई बर्दाश्त नहीं करने की पॉलिसी को अपनाएंगे.