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Court से राहत मिलते ही Rahul का केंद्र पर निशाना, कहा- मित्रकाल के खिलाफ लोकतंत्र बचाने की लड़ाई

 
Court से राहत मिलते ही Rahul का केंद्र पर निशाना, कहा- मित्रकाल के खिलाफ लोकतंत्र बचाने की लड़ाई
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Mhara Hariyana News, New Delhi

सूरत कोर्ट से राहत मिलने के बाद Congress नेता Rahul गांधी ने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'ये मित्रकाल के विरुद्ध लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में सत्य मेरा अस्त्र है और सत्य ही मेरा आसरा! इससे पहले मानहानि के मामले में Congress नेता Rahul गांधी की सजा को चुनौती देने वाले मामले की अगली सुनवाई 3 मई को सूरत की अदालत में होगी।

कोर्ट ने संबंधित पक्ष से 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है। सूरत सत्र न्यायालय ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 अप्रैल तय की है। इसी दिन तक के लिए Rahul गांधी को जमानत भी दे दी गई है।

निचली अदालत ने उनके साथ बहुत ही कठोरता दिखाई

इससे पहले Congress नेता Rahul गांधी ने अवमानना मामले में सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील में कहा कि निचली अदालत ने उनके साथ बहुत ही कठोरता दिखाई। मजिस्ट्रेट की अदालत के फैसले को त्रुटिपूर्ण और विकृत करार देते हुए Rahul ने कहा कि उन्हें इस तरह से सजा सुनाई गई जिससे कि वे संसद की सदस्यता से अयोग्य हो जाएं।

Congress नेता ने कहा है कि निचली अदालत ने उनके साथ बहुत कठोर व्यवहार किया जो एक सांसद के रूप में उनकी स्थिति से बहुत दबाव में थी। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड में निश्चित Modi समाज या समुदाय जैसी कोई चीज नहीं है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की ओर से पारित आदेश आपराधिक मामले में साक्ष्य पर आधारित सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। उन्हें बिना किसी सबूत के ही दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई।

मजिस्ट्रेट की अदालत का फैसला मान्यताओं, अनुमानों, संभावनाओं, अटकलों, शंकाओं और अप्रमाणित विचारों पर आधारित

Rahul ने अपनी अपील में आगे कहा है कि मजिस्ट्रेट की अदालत का फैसला मान्यताओं, अनुमानों, संभावनाओं, अटकलों, शंकाओं और अप्रमाणित विचारों पर आधारित है जो आपराधिक कानून में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं। फैसला कानून की नजर में भी खराब है। ऐसे मामले में उन्होंने (ट्रायल जज) निश्चित रूप से माना होगा कि दो साल की अधिकतम सजा संसद सदस्य के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराएगी।

Rahul गांधी के लिए किसी के पास समय नहीं
Rahul गांधी पर निशाना साधते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हर कोई अपना काम करने में व्यस्त है, किसी के पास Rahul गांधी के लिए समय नहीं है। साथ ही कहा कि अगर उन्होंने (Rahul गांधी) माफी मांग ली होती तो उन्हें कोई सजा नहीं मिलती, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। यह उनके अहंकार के कारण हो रहा है।

दरअसल, 2019 में Modi उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने धारा 504 के तहत Rahul को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी थी।

सीजेएम कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में Rahul गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम Modi है?' इसी को लेकर BJP विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश Modi ने Rahul गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। 

इसके बाद 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता जाने का आदेश जारी कर दिया। साज सुनाए जाने के 11 दिन बाद Rahul ने सूरत कोर्ट में जमानत और सजा माफी के लिए याचिका लगाई। जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने Rahul को 13 अप्रैल तक जमानत दे दी।