Chandrashekhar को गले लगा Azam Khan ने पूछा हाल, बंद कमरे में की गुफ्तगू, सपा नेता बोले-हमला Yogi सरकार की नाकामी
Mhara Hariyana News, Saharanpur
भीम आर्मी चीफ Chandrashekhar पर हमले के बाद रविवार की शाम सपा नेता Azam Khan अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ उनके आवास पर कुशलक्षेम लेने पहुंचे। करीब 20 मिनट तक उन्होंने बंद कमरे में Chandrashekhar से गुफ्तगू की। इस दौरान बेहद नजदीकी लोग ही उनके साथ मौजूद रहे।
कस्बे की हरिजन कॉलोनी गली नंबर दो स्थित आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Chandrashekhar आजाद के आवास पर शाम करीब पौने पांच बजे पहुंचे प्रदेश सरकार के पूर्व काबीना मंत्री एवं सपा के दिग्गज नेता मो. Azam Khan ने कमरे में पहुंचते ही Chandrashekhar आजाद को गले लगाकर उनका हालचाल जाना।
उनसे हमले के घटनाक्रम और स्वास्थ्य सहित अन्य बातों की जानकारी ली। अब्दुल्ला आजम ने भी Chandrashekhar आजाद से हाथ मिलाया और कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान उनके साथ रामपुर से लोक सभा चुनाव लड़ चुके सैयद आसीम रजा, पूर्व विधायक रुचिवीरा, बेहट विधायक उमर अली खान, सरफराज खान, राव सम्मून, नवाजिश खान, Chandrashekhar यादव आदि मौजूद रहे।
इसके बाद Azam Khan और Chandrashekhar आजाद ने बाहर आकर पत्रकार वार्ता की। फिर वे दिवंगत पूर्व सांसद राशिद मसूद के परिजनों से मिलने के लिए सहारनपुर रवाना हो गए।
खुलासे से संतुष्ट नहीं Chandrashekhar, सीबीआई जांच की मांग
भीम आर्मी चीफ Chandrashekhar खुद पर हुए हमले को लेकर पुलिस द्वारा किए गए खुलासे से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें पिस्टल की गोली लगी है, जबकि तमंचा बरामद दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि हमले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि यह साफ हो सके कि हमले की साजिश में कौन शामिल है। कहीं हमलावरों को सत्ता का संरक्षण तो प्राप्त नहीं है।
कस्बा स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Chandrashekhar ने कहा कि वे पुलिस को सही खुलासे के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं। पुलिस ईमानदारी के साथ इस बात का पता लगाए कि हमलावरों को किसने फिरौती दी है।
उन्होंने कहा कि साजिश के तहत ही हमलावरों ने कार गुर्जर बहुल गांव मिरगपुर में खड़ी की थी ताकि जातीय टकराव हो जाए। कहा कि भीम आर्मी के कार्यकर्ता अपने स्तर से भी जानकारी जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे पुलिस से अपील करते हैं हमलावरों के परिजनों को उनके कृत्य की सजा ना दी जाए। उन्होंने कहा कि वे इस हमले से डरे नहीं है बल्कि और ज्यादा मजबूत हुए हैं।
Chandrashekhar ने कहा कि किसी भी समाज की महिलाओं के साथ अत्याचार होगा तो वे बोलेंगे। भले ही कोई कितनी भी गोलियां चलाए, वे डरने वाले नहीं हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा मित्र बताने तथा सुरक्षा प्रदान करने के बयान पर उनका कहना था कि प्रदेश सरकार यदि इतनी चिंतित होती तो उन पर हमला ही नहीं होता। जबकि जिस जगह उन पर हमला हुआ है, वहां से चंद कदम की दूरी पर पुलिस पिकेट मौजूद थी।
Chandrashekhar पर हमला प्रदेश सरकार की नाकामी
Chandrashekhar के साथ पत्रकार वार्ता में मौजूद सपा के कद्दावर नेता मो. Azam Khan ने कहा कि Chandrashekhar पर हुआ जानलेवा हमला प्रदेश सरकार की नाकामी है। यह प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था का सबूत है। सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसी भी सूरत में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। उन्होंने कहा कि जो भी हुआ बेहद बुरा हुआ है। Chandrashekhar आजाद संघर्षशील युवा नेता हैं। जिनकी आवाज को दबाने के लिए तरह तरह की साजिशें रची जा रही हैं। प्रदेश सरकार इस हमले की गहराई तक जाकर जांच कराए ताकि हमले के पीछे के लोग बेनकाब हो सकें।
दूसरे राज्यों से भी मिलने पहुंचे समर्थक
भरतपुर की रैली के बाद शनिवार की रात दो बजे Chandrashekhar आजाद अपने आवास पहुंच गए थे। रविवार की सुबह से ही उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा। पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली से बड़ी संख्या में समर्थक मिलने पहुंचे। दिन भर समर्थकों और कार्यकर्ताओं का रैला हरिजन काॅलोनी स्थित आवास पर उमड़ा रहा।