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कर्नाटक के एग्जिट पोल में Congress को बढ़त, 'दो चरण' तय करेंगे कौन विजेता

 
कर्नाटक के एग्जिट पोल में Congress को बढ़त, लेकिन ये 'दो चरण' तय करेंगे विजेता
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Mhara Hariyana News, Banglore

कर्नाटक के विधानसभा Election को लेकर जारी ज्यादातर exit polls में Congress को सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का अनुमान है। हालांकि आखिरी नतीजे 13 मई को वोटों की गिनती के साथ साफ हो पाएंगे, जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि क्या Congress 26 अप्रैल तक बनाई गई अपनी गति के सहारे सत्ता हासिल कर पाती है या फिर बीजेपी पिछले एक पखवाड़े के Elections अभियान से जनता को अपने पक्ष में खींचने में कामयाब रही।

कर्नाटक विधानसभा Elections को साफ तौर से दो चरणों में विभाजित किया जा सकता है, एक में Congress और दूसरे में भाजपा का वर्चस्व दिखा। पहला चरण 26 अप्रैल से पहले का था जब Congress के पास स्पष्ट रूप से अपने मजबूत ‘स्थानीय’ अभियान के आधार पर बढ़त थी- इसने भाजपा सरकार के खिलाफ ‘40% कमीशन’ चार्ज और जनता को दी गई ‘पांच गारंटी’ पर ध्यान केंद्रित किया। 
Congress ने अप्रैल तक दो महीने घर-घर जाकर लोगों को अपने ‘गारंटी कार्ड’ से अवगत कराया, जिसमें महिलाओं और बेरोजगारों को नकद सहायता, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, प्रति परिवार 10 किलो चावल और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा का वादा किया गया था।

पिछले पखवाड़े में Congress से हुई 3 ‘चूक’
दूसरा चरण पिछले पखवाड़े में था, जहां Congress द्वारा की गई तीन ‘चूक’ ने भाजपा को एक बार फिर से Electionी दौड़ में शामिल होने का मौका दे दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi ने भी ताबड़तोड़ जनसभाओं और मेगा रोड शो से बीजेपी के पक्ष में नैरेटिव सेट करने की कोशिश की।

Congress का पहला ‘सेल्फ गोल’ 27 अप्रैल को दिखा, जब Congress के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को “जहरीला सांप” कहा था। दूसरा 2 मई को आया, जब Congress ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया। वहीं तीसरा 7 मई को था, जब पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को ‘संप्रभुता’ टिप्पणी के लिए जिम्मेदार ठहराया, जबकि उन्होंने अपनी Elections रैली में कभी कहा ही नहीं था।

स्थानीय बनाम राष्ट्रीय लड़ाई
Congress साफ तौर से प्रधानमंत्री Modi के साथ सीधे टकराव से बचने के लिए अभियान को स्थानीय रखना चाहती थी, जबकि बीजेपी ‘डबल इंजन’ के विकास पिच के माध्यम से Elections नैरेटिव को राष्ट्रीय बनाना चाहती थी। Congress की यह कोशिश 26 अप्रैल तक सफल भी होती दिखी। 
लेकिन पिछले 14 दिनों में बीजेपी ने Congress की ‘गलतियों’ को भुनाया और प्रधानमंत्री Modi ने अपने Electionी अभियान से बीजेपी को सही समय पर वापस से Elections रेस में वापस ला दिया।

27 अप्रैल को अपनी ‘जहरीली सांप’ वाली टिप्पणी पर खड़गे का तात्कालिक खेद इसका एक संकेत था, जब पार्टी को एहसास हुआ कि पीएम Modi पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले अंततः उलटे पड़ सकते हैं। वहीं 2 मई को Congress के घोषणापत्र में ‘बजरंग दल प्रतिबंध’ के वादे को शामिल करने के गूढ़ फैसले ने बजरंग बली यानी भगवान हनुमान को अंतिम सप्ताह में भाजपा के अभियान का विषय बना दिया। 6 और 7 मई को बेंगलुरु में Modi के रोड शो और ‘संप्रभुता’ वाली सोनिया गांधी की कथित टिप्पणी पर भाजपा के हमलों ने पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को और उत्साहित कर दिया।

क्या पिछले दो हफ्तों में Congress द्वारा की गईं ये तथाकथित गलतियां आखिरी नतीजों में उसके लिए भारी साबित होंगी, जैसा कि भाजपा का मानना है, या कर्नाटक के मतदाता पहले से ही अपना मन बना चुके थे? इस सवाल का जवाब 13 मई को Election नतीजों के साथ ही साफ हो पाएगा।