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Delhi सरकार ने कहा- अध्यादेश पूरी तरह से Supreme Court के आदेश की अवमानना, जनादेश का अपमान

 
Delhi सरकार ने कहा- अध्यादेश पूरी तरह से Supreme Court के आदेश की अवमानना, जनादेश का अपमान
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Mhara Hariyana News, New Delhi
Delhi सरकार ने केंद्र सरकार का अध्यादेश सीधे तौर पर Supreme Court के आदेश की अवमानना बताया है। Delhi सरकार के मुताबिक, Supreme Court ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि चुनी हुई सरकार सुप्रीम है। चुनी सरकार के पास सारी शक्तियां हैं। Supreme Court के आदेश के खिलाफ व केजरीवाल सरकार की ताकत को कम करने के लिए यह अध्यादेश लाया गया है। 

देर रात Delhi सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि Supreme Court ने माना था कि अगर जनता ने केजरीवाल को वोट दिया है तो केजरीवाल के पास सभी निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार इस अध्यादेश के माध्यम से कह रही है कि Delhi के लोगों ने जिसे चुना है, उसे Delhi की जनता के हक में फैसले लेने का अधिकार नहीं होना चाहिए। यह Supreme Court के आदेश की अवमानना के साथ Delhi की जनता के जनादेश का भी अपमान है। 

उधर, AAP की वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि इस अध्यादेश ने साबित कर दिया कि भाजपा और केंद्र सरकार को सिर्फ और सिर्फ अरविंद केजरीवाल से डर लगता है। भाजपा को डर है कि अगर सारी पावर केजरीवाल के पास आ गई तो केजरीवाल माॅडल को पूरे देश में फैलने से रोकना नामुमकिन है। आतिशी ने केंद्र के इस कदम को विश्वासघात करार दिया है। 

गौरतलब है कि Delhi सरकार के अधिकारों पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया है। केंद्र ने Supreme Court के फैसले के बाद अध्यादेश जारी किया। अध्यादेश के मुताबिक Delhi में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में केवल मुख्यमंत्री का अधिकारी नहीं होगा बल्कि आखिरी फैसला उपराज्यपाल का होगा। 

ट्रांसफर और पोस्टिंग पर आखिरी फैसला LG का होगा
अध्यादेश के अनुसार राजधानी में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अथॉरिटी बनाई गई है। इसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल, Delhi के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव होंगे। अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में अगर कोई विवाद होता है तो आखिरी फैसला Delhi के उपराज्यपाल का मान्य होगा। 

अध्यादेश को लेकर केजरीवाल ने पहले ही जताया था अंदेशा
केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शाम को पहले ही अंदेशा जताया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, एलजी साहिब Supreme Court के आदेश क्यों नहीं मान रहे? दो दिन से सर्विसेज़ सेक्रेटरी की फाइल साइन क्यों नहीं की? 
कहा जा रहा है कि केंद्र अगले हफ्ते आर्डिनेंस लाकर Supreme Court के आदेश को पलटने वाली है? क्या केंद्र सरकार Supreme Court के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है? क्या एलजी साहिब आर्डिनेंस का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए फाइल साइन नहीं कर रहे?