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'NATO प्लस का हिस्सा बने भारत': अमेरिकी समिति की बाइडन सरकार से मांग- China को टक्कर देने के लिए यह जरूरी

 
'NATO प्लस का हिस्सा बने भारत': अमेरिकी समिति की बाइडन सरकार से मांग- China को टक्कर देने के लिए यह जरूरी
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Mhara Hariyana News, New Delhi
PM नरेंद्र Modi अगले महीने America के दौरे पर जाने वाले हैं। इस बीच, America की एक कांग्रेस समिति ने बाइडन सरकार से भारत को NATO प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश की है। समिति का कहना है कि भारत के शामिल होने से NATO प्लस को मजबूती मिलेगी। 
बता दें, NATO प्लस एक सुरक्षा व्यवस्था है, जो वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इसमें पांच देशों के बीच गठबंधन है। ये देश ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया हैं। 

छठा सदस्य बनाने की सिफारिश
बताया जा रहा है कि अगर NATO प्लस का छठा हिस्सा भारत को बनाया जाता है, तो इन देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में सुविधा होगी। साथ ही अगर भारत को NATO प्लस में शामिल किया जाता है तो देश को America के साथ रक्षा-सुरक्षा से आसानी से जोड़ा जा सकेगा। 

 

ताइवान की सुरक्षा के लिए जरूरी
संयुक्त राज्य America और Chinaी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के बीच सामरिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति के अध्यक्ष माइक गैलाघेर और रैंकिंग सदस्य राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में, NATO प्लस को मजबूत बनाने के लिए भारत को शामिल करने सहित ताइवान की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नीति प्रस्ताव को रखा गया। सदन की चयन समिति ने सिफारिश करते हुए कहा कि China कम्युनिस्ट पार्टी के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा जीतना और ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए America को भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है। 


इसलिए समिति का नाम...
समिति ने कहा कि अगर NATO प्लस का हिस्सा भारत को बनाया जाता है तो वैश्विक सुरक्षा को मजबूत मिलने के साथ ही भारत-प्रशांत क्षेत्र में China की आक्रामकता को रोकने के लिए America और भारत की करीबी साझेदारी बढ़ेगी। बता दें, रिपब्लिकन नेतृत्व की पहल के बाद चयन समिति को लोकप्रिय रूप से China समिति कहा जाता है।

छह वर्षों से प्रस्ताव पर काम
पिछले छह वर्षों से इस प्रस्ताव पर काम कर रहे भारतीय-अमेरिकी रमेश कपूर ने उम्मीद जताई कि सिफारिश को राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2024 में जगह मिलेगी और अंत में देश का कानून बन जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति में इस प्रस्ताव पर बात होना ही विकास की ओर बढ़ता एक कदम है।

China को कमजोर बनाने के लिए अहम
China समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि ताइवान पर हमले के मामले में China के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध सबसे प्रभावी होंगे यदि प्रमुख सहयोगी जैसे जी-7, NATO, NATO प्लस और क्वाड सदस्य एकजुट हो जाएं। अगर ये सभी सहयोगी देश एक संयुक्त प्रतिक्रिया पर बातचीत करेंगे तो China को कमजोर किया जा सकता है।