विदेश मंत्री की दो टूक- अमेरिका की नीति के कारण Russia के करीब हुआ भारत, संबंध में नहीं आएगा कोई बदलाव
Mhara Hariyana News, New Delhi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की America की राजकीय यात्रा से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने India और Russia के द्विपक्षीय रिश्ते में किसी तरह के बदलाव से साफ इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि किसी तीसरे देश को इस रिश्ते से समस्या, दोनों देशों के संबंधों में दरार नहीं डाल सकती। विदेश मंत्री ने India के Russia के करीब होने के लिए America की नीति को जिम्मेदार ठहराया।
एक अंग्रेजी साप्ताहिक से साक्षात्कार में विदेश मंत्री ने Russia-यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी देशों की ओर की जा रही आलोचना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि India के लिए Russia से बेहतर संबंध रखना जरूरी है।
यह वास्तविकता है। किसी की पसंद या नापसंद के हिसाब से हम अपने विचार नहीं बदल सकते। जयशंकर ने कहा कि सामरिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करने के लिए साठ के दशक में India विकल्पहीन था। जयशंकर ने कहा कि America ने साल 1965 में India को हथियार नहीं बेचने का फैसला किया।
इसके बाद हमारे पास सोवियत संघ के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। America को यह पता है। उसे यह भी पता है कि छह दशक के इतिहास के बाद India अपने विचार नहीं बदल सकता। India और Russia के बेहतर संबंध अब एक वास्तविकता है। सबको इसी वास्तविकता के साथ रहना होगा।
दो दशकों में America से संबंध हुए बेहतर
विदेश मंत्री ने कहा कि India और America के बीच बीते दो दशकों में संबंध लगातार बेहतर हुए हैं। वह भी तब जब इस दौरान America में अलग-अलग विचार रखने वाले चार राष्ट्रपति आए, जबकि India में इस दौरान दो प्रधानमंत्री आए। बावजूद इसके दोनों देशों ने संबंध मजबूत करने की प्रतिबद्धता को लेकर कभी मतभेद जाहिर नहीं किए। India को द्विपक्षीय रिश्ते को आगे ले जाने में बहुत संकोच नहीं करना पड़ा।
और बेहतर हो सकते थे रक्षा सहयोग
जयशंकर ने इस दौरान स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की स्थिति और बेहतर हो सकती थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में मनमोहन सरकार में रक्षा सहयोग को लेकर झिझक थी। मनमोहन सरकार परमाणु समझौते के बाद इसी झिझक के कारण तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई।
अब ऐसी स्थिति नहीं है। साल 2015 के बाद यह झिझक खत्म हो गई। वर्तमान में हम तीन अमेरिकी विमान पी-8, सी-130 और सी-17 चिनूक और अपाचे जैसे कई हेलिकॉप्टरों के साथ अमेरिकी तोपों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को यूके की अपनी यात्रा के दौरान लंदन में अपने यूक्रेनी समकक्ष दमित्रो कुलेबा से मुलाकात की। उन्होंने कीव के आर्थिक सुधार के लिए वाशिंगटन डीसी के समर्थन को रेखांकित किया।
उन्होंने यूक्रेन के आर्थिक सुधार के लिए संयुक्त राज्य America के समर्थन और मल्टी-एजेंसी डोनर कोऑर्डिनेशन प्लेटफॉर्म के माध्यम से निरंतर घनिष्ठ सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने निवेश और सतत आर्थिक विकास के लिए एक वातावरण स्थापित करने के लिए यूक्रेन द्वारा सुधारों को जारी रखने की आवश्यकता पर चर्चा की। सचिव ने विदेश मंत्री को चीन जनवादी गणराज्य की अपनी यात्रा और वहां के अधिकारियों के साथ यूक्रेन में Russia के युद्ध के बारे में चर्चा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यूक्रेन के लिए संयुक्त राज्य America की निरंतर आर्थिक और ऊर्जा सहायता और सुरक्षा सहायता पर भी चर्चा की।