SP-BSP और AAP के साथ इन पार्टियों की मध्य प्रदेश चुनाव में एंट्री, BJP-कांग्रेस को लग सकता है झटका

Mhara Hariyana News, Jaipur
साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश Assembly चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज हो चली है। सत्ताधारी party BJP ने जहां 39 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि congress संभावितों के बायोडाटा को खंगाल रही है। वहीं, समाजवादी party-बहुजन समाज party ने भी उम्मीदवारों के ऐलान का सिलसिला भी शुरू कर दिया है।
वैसे तो एमपी के चुनाव में सीधा मुकाबला congress-BJP के बीच ही होता है। लेकिन कई बार बहुजन समाज party-समाजवादी party और कम्युनिस्ट party प्रदेश में अपनी ताकत का एहसास भी करवा चुकी है। आम आदमी party भी उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया से गुजर रही है तो आदिवासी युवाओं के बीच काम करने वाला संगठन जयस उन क्षेत्रों पर नजर गड़ाए हुए हैं जहां आदिवासी वोटरों की संख्या ज्यादा है।
मध्यप्रदेश के Assembly चुनाव में एक बार फिर छोटे दल अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। राज्य के दो प्रमुख दल congress और बीजेपी Assembly वार आकलन में जुटे हुए है। जिन सीटों पर हार मिली इसका ब्योरा जुटाया जा रहा है तो वहीं वर्तमान MLAs की क्या स्थिति है। इसकी समीक्षा का दौर जारी है।
congress-BJP चुनाव में जीत की रणनीति बनाने के साथ उम्मीदवारों के चयन में लगे है तो दूसरी ओर सपा-BSP उम्मीदवारों के फैसले भी करने लगे हैं। बहुजन समाज party के सात उम्मीदवारों की सूची भी आ गई है, वहीं समाजवादी party ने भी चार सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया हैं। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि अगस्त माह में ही सपा-BSP अन्य उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है।
मध्यप्रदेश में खोया जनाधार पाने में जुटी BSP
मध्य प्रदेश में बहुजन समाज party अपना खोया जनाधार पाने में जुटी है। ग्वालियर-चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में party का प्रभाव रहा है। हाल के वर्षों में BSP का अपना कोर वोट बैंक छिटक गया है। यही वोट बैंक इन क्षेत्रों में कभी congress तो कभी BJP की जीत का कारण बनता रहा।
2018 के चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में BSP के परंपरागत दलित वोट बैंक का झुकाव congress की तरफ हुआ था। इससे BSP के साथ BJP को भी नुकसान हुआ। जबकि विंध्य में BSP के कारण congress को नुकसान हुआ। BJP को इस क्षेत्र में बढ़त मिल गई। congress इस इलाके से केवल सात सीटें ही जीत सकी। लेकिन अब BSP 2023 के चुनावों में अपना खोया जनाधार पाने में जुटी है।
इसके लिए party पैदल यात्रा, बूथ पर कार्यकर्ता जोड़ो कार्यक्रम संचालित कर रहे है। वहीं उन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रही है जहां party के परंपरागत वोटर है। BSP को अभी तक अधिकतम 8.72 प्रतिशत मत 2008 के Assembly चुनाव में मिले थे। पिछले चुनाव में 5.1 प्रतिशत वोट मिले और दो प्रत्याशी जीते थे। हालांकि, इसमें से एक संजीव सिंह BJP को समर्थन दे चुके हैं।
सपा भी नहीं है पीछे
बहुजन समाज party, भारतीय जनता party के बाद अब समाजवादी party ने मध्य प्रदेश Assembly चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। सपा ने छतरपुर की राजनगर Assembly सीट, दतिया जिले की भांडेर Assembly सीट, निवाड़ी और भिंड की मेहगांव सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारें है।
यह चारों सीटें बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की हैं। party ने जिन चार सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है वे सभी यूपी की सीमा से सटे हुए है। निवाड़ी, राज नगर, भांडेर बुंदेलखंड क्षेत्र में हैं, वहीं मेहगांव ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का हिस्सा है। चारों Assembly क्षेत्र के उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे होने से यहां party को सफलता मिलने की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश में सपा ने सबसे अच्छा प्रदर्शन 2003 के Assembly चुनाव में किया था। इस चुनावों में party के छह विधायक जीते थे। बाद में एक और विधायक ने सपा की सदस्यता ले ली और एक उप चुनाव जीतकर आ गए। इस तरह आठ सदस्य हो गए थे। 1998 के चुनाव में चार प्रत्याशी जीते थे। मौजूदा Assembly में सिर्फ राजेश शुक्ला सपा से जीते थे।
बाद में उन्होंने BJP की सदस्यता ले ली। सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने कहा कि, चार सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो गए है। बाकी सीटों पर प्रत्याशियों के चयन पर विचार चल रहा है। उत्तर प्रदेश से लगे जिलों की लगभग 50 Assembly सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा पहले की जाएगी। party की युवजन सभा और छात्र सभा की कार्यकारिणी भी हर स्तर पर बन चुकी है। वह भी चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
AAP के अलावा ये यह दल भी है मैदान में
सपा-BSP और आम आदमी party के बाद तेलंगाना का सत्ताधारी दल भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) एमपी चुनाव में हाथ आजमाने की तैयारी में है। BRS में राज्य के कई नेता शामिल हो रहे हैं। हाल ही में व्यापम घोटाले के व्हिसल ब्लोअर और सेवा से बर्खास्त चल रहे डॉ आनंद राय BRS में शामिल हुए।
राय अब तक आदिवासियों के संगठन जय युवा आदिवासी संगठन (जयस) से जुड़े थे, लेकिन अब वे BRS में शामिल हो गए हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश से नाता रखने वाले पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल अपने कई साथियों के साथ BRS का दामन थाम चुके हैं। BRS का राज्य में फिलहाल कोई संगठन नहीं है। party की नजर ऐसे नेताओं पर है जो अपने मौजूदा दल में संतुष्ट नहीं हैं।
BRS से पहले असदुद्दीन ओवैसी की party एआईएमआईएम भी एमपी के चुनावों में हिस्सा लेने का ऐलान कर चुकी है। भीम आर्मी भी चुनावी तैयारियों में जुटी हैं। इनके अलावा आम आदमी party भी राज्य की अधिकांश Assembly सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुकी है। हाल ही में आम आदमी party के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री व राज्यसभा सांसद संदीप पाठक राजधानी भोपाल आए थे। संदीप पाठक ने राजधानी भोपाल में party की महत्वपूर्ण बैठक लेने के साथ ही पत्रकार वार्ता का आयोजन किया था, जिसमें पत्रकारों को संबोधित करते हुए पाठक ने मप्र की सभी 230 सीटों पर आप प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने की बात कही थी।
हाल ही में आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सतना से इलेक्शन कैंपेन का आगाज कर चुके है। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने खुद को एमपी के बच्चों का चाचा बताते हुए चुनाव जीतने पर सात गारंटी मध्य प्रदेश के वोटर्स को दी है। हाल में हुए प्रदेश के निकाय चुनाव में आप का भी खाता खुला था। सिंगरौली नगर निगम में आप party की मेयर उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी। रानी को मध्यप्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में Assembly की कुल 230 सीटें है, जिनमें से congress का 96 पर कब्जा है, वहीं BJP के पास 127 है, इसके अलावा BSP के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। 2018 में congress की सरकार बनी थी, लेकिन 2020 में राज्य में सियासी उलटफेर के बाद बीजेपी की सरकार बनी थी।