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संसद का विशेष सत्र: राज्यसभा में खरगे-सीतारमण के बीच तीखी बहस; जीएसटी और महिलाओं के मुद्दे पर आए आमने-सामने

 
संसद का विशेष सत्र: राज्यसभा में खरगे-सीतारमण के बीच तीखी बहस; जीएसटी और महिलाओं के मुद्दे पर आए आमने-सामने

Mhara Hariyana News, New Delhi : नए Parliament भवन में Rajyasabha की पहली बैठक के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष Mallikarjun Kharge और finance minsiter Nirmala Sitaramana के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई। ऐसा दो बार हुआ। पहली बार जब खरगे ने GST का जिक्र किया और दूसरी बार तब जब उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति की womenओं की साक्षरता दर कम है। यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर womenओं को चुनने की आदत है। दोनों ही बार Sitaramana ने खरगे को तीखे प्रहार किए।

सबसे पहले जानते हैं GST से जुड़े मामले को 
खरगे ने दावा किया कि राज्यों को GST राशि समय से नहीं मिल रही है। कुछ राज्यों को GST, मनरेगा, कृषि, सिचाई सहित विभिन्न कार्यक्रमों की अनुदान राशि समय से नहीं मिलती है। क्या इससे ऐसे राज्य कमजोर नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ लोकतंत्र की बात करती है, लेकिन कई राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को उसने गिरा दिया।

finance minsiter Sitaramana ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। केंद्र सरकार ने उधार लेकर राज्यों को GST का भुगतान किया है। राज्यों को हर बार एक दो महीने एडवांस में भी GST का भुगतान किया गया। किसी भी राज्य का कोई भी GST पैसा केंद्र पर बकाया नहीं है।

womenओं के मुद्दे पर भी आए आमने-सामने
खरगे ने कहा कि अनुसूचित जाति की womenओं की साक्षरता दर कम है। यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर womenओं को चुनने की आदत है। वे उन लोगों को नहीं चुनते, जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं। 

इस पर केंद्रीय finance minsiter Nirmala Sitaramana ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां उन womenओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। PM जी, हमारी पार्टी ने हम सभी को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त women हैं।

धनखड़ ने किया बीच-बचाव
नोंकझोंक के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों नेताओं को शांत कराया और मामले से जुड़ दस्तावेज पेश करने को कहा। दोनों ने कहा कि वे आज ही अपने दावों के समर्थन में संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखेंगे।

women reservation बिल पर किसने क्या कहा?
women reservation बिल पर भाजपा MP रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह बहुत ऐतिहासिक क्षण है। नई Parliament में आज हमारा पहला दिन था। हम बहुत खुश हैं। नारी शक्ति का अभिनंदन... इस बिल पर सर्वसम्मति होती तो अच्छा होता। 

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि यह तुरंत लागू होगा लेकिन बिल में यह लिखा है कि यह परिसीमन के बाद ही लागू होगा। इसका यह मतलब हुआ कि यह reservation 2029 तक लागू नहीं हो सकता। आपने दरवाजे तो खोल दिए हैं, लेकिन दरवाजों पर womenओं के लिए अभी भी 'नो एंट्री' है।

women reservation बिल पर AIMIM Chief असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इससे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था तब हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था। इस बिल में सबसे बड़ी कमी ये है कि इसमें OBC और मुसलमान womenओं के लिए कोटा नहीं रखा गया इसलिए हम इसके खिलाफ हैं।

CPM नेता वृंदा करात ने कहा कि यह बिल सुनिश्चित करता है कि अगले परिसीमन अभ्यास तक womenएं चुनाव से वंचित रहें। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 2024 के चुनावों और 18वीं लोकसभा के गठन तक Parliament में 1/3 womenएं नहीं होंगी, कई विधानसभा चुनावों में 1/3 womenएं नहीं होंगी... क्या womenओं को मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस बिल के लिए आभारी होना चाहिए? मैं कहूंगी कि बिल्कुल भी नहीं।

women reservation बिल पर भाजपा MP रमा देवी ने कहा कि आज women reservation बिल पेश हुआ और PM मोदी ने इसपर चर्चा की। बहुत समय से women reservation बिल की प्रतीक्षा थी, आज यह प्रतीक्षा समाप्त हुई। 

सपा MP डिंपल यादव ने कहा कि सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं। अगर इन्हें women reservation बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे। ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं। सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC womenओं का भी इसमें reservation निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी womenएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।