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'मन में रह गई यह कसक; करेंगी विरोध, चलाएंगी आंदोलन', महिला आरक्षण बिल पर बोलीं उमा भारती

 
'मन में रह गई यह कसक; करेंगी विरोध, चलाएंगी आंदोलन', महिला आरक्षण बिल पर बोलीं उमा भारती

Mhara Hariyana News, Bhopal : सदन में मंगलवार को पेश हुए women reservation बिल को लेकर पूर्व CM उमा भारती विरोध में आ गई हैं। उन्होंने कहा है कि इस बिल में ओबीसी वर्ग की womenओं को विशेष स्थान नहीं दिया गया है। वे अब इस बिल का खुलकर विरोध कर ओबीसी वर्ग की womenओं के लिए 50 प्रतिशत reservation दिए जाने का आंदोलन खड़ा करेंगी।

पूर्व CM उमा भारती ने कहा है कि women को हजार दो हजार देने से क्या होगा, देना ही है तो women को सदन में अधिक स्थान दो। उमा भारती ने भोपाल स्थित अपने निवास पर प्रसेवार्ता कर बताया कि देवेगौड़ा जी के समय women reservation का बिल पेश किया गया था। उस समय मैंने कहा था कि एससी-एसटी की womenओं का भी प्रावधान किया जाए, जिसके बाद बिल रुक गया था। मैंने सुझाव दिया था कि मंडल कमीशन के आधार पर reservation मिले।

उन्होंने कहा, मैंने पार्टी के हर मंच पर ये मुद्दा उठाया है, जिस पर अटल और आडवाणी जी का भी समर्थन मिला है। जब ये खबर पक्की हुई कि आज women reservation बिल पेश होगा तो मैंने PM मोदी को पत्र लिखकर ओबीसी reservation की बात कही थी। मैंने पीएम को लिखा था कि अगर आज ये प्रावधान नहीं हुआ तो मैं खुले आम इसका विरोध करूंगी। Congress और खरगे ने मेरी बात के पक्ष में ही आज बात रखी है। लेकिन ये Congress उस समय कहां गई थी, जब मैंने ये मुद्दा Parliament में उठाया था।

उमा Indian ने कहा कि खुशी है कि आज women reservation बिल पास हुआ है। लेकिन ओबीसी वर्ग की womenओं को इसमें छूट न मिलने की कसक मेरे दिल में रह गई है। ऐसे में आज से ही इस बिल के विरोध में अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि वे CM से भी अनुरोध करेंगी कि मध्यप्रदेश की विधानसभा में ओबीसी womens को reservation मिले। इसमें मुस्लिम womenएं जो चिह्नित हुईं हैं, उन्हें भी जगह मिले।

पिछड़े वर्ग के लोग विचारधारा से हमारे ही हैं, लेकिन अलग-अलग राज्यों में दूसरे दलों से ये वर्ग मिलने को मजबूर हो गए हैं। मनमोहन सरकार पर उमा Indian ने बयान देते हुए कहा कि मनमोहन सरकार के दौरान Congress women reservation पर चुप्पी साधे रही है। वहीं सनातन पर हो रही राजनीति पर उन्होंने कहा कि सनातन को पंडित और पुजारियों पर छोड़ दें राजनीति न करें। डीएमके का तो हमेशा से ही यही स्वभाव रहा है।