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क्या से क्या हो गया, नया Pakisthan बनाने चले थे Imran Khan, अब जल रहा है मुल्क

 
क्या से क्या हो गया, नया Pakisthan बनाने चले थे Imran Khan, अब जल रहा है मुल्क
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Mhara Hariyana News, New Delhi

2018 में जब Imran Khan पहली बार Pakisthan की सत्ता में आए तो लगा कि हमारे पड़ोसी मुल्क में अच्छे- अच्छे बदलावों की बयार आएगी। Pakisthan आतंकवाद, मजहबी हिंसा और Corruption के चंगुल से निकलकर लोकतंत्र और विकास के रास्ते पर जाएगा। Imran Khan ने चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में नया Pakisthan, रियासत ए मदीना का तड़का देकर अपनी अवाम को फील गुड कराया। 

इमरान नया Pakisthan का नारा तो 2013 में दे चुके थे, लेकिन 2013 के चुनाव में उन्हें कामयाबी नहीं मिली। Pakisthan को लीड करने की उनकी साध 2018 में पूरी हो गई जब जनता ने प्रचंड तो नहीं लेकिन सरकार बनाने लायक बहुमत देकर पीएम पद की कुर्सी सौंप दी। अपनी पहली जीत के बाद अपने चर्चित टेलिविजन प्रसारण में Imran Khan ने अपने सपनों के Pakisthan का खाका दुनिया के सामने रखते हुए कहा था, " अल्लाह ने मुझे मौका दिया है कि मैं वो मेनिफेस्टो, वो नजरिया लागू करूं जो मैं 22 साल पहले लेकर निकला था।"

इमरान ने जीत के बाद इस भाषण में अपने शासन का एजेंडा बताते हुए कहा था कि मैं जब बड़ा हो रहा था तो देखा कि ये मुल्क ऊपर जा रहा है, लेकिन फिर हमारा देश नीचे आने लगा गवर्नेंस सिस्टम ढह गया, Corruption चरम आ गया। मैं ये चाहता था कि Pakisthan वो मुल्क बने जिसका सपना हमारे लीडर जिन्ना ने देखा था। इमरान ने 2018 के इस भाषण को जम्हूरियत क्रांति का नाम दिया।

नया Pakisthan और रियासत ए मदीना का दांव
2018 में चुनाव के दौरान Imran Khan ने जिन दो चीजों पर सबसे ज्यादा जोर दिया था वो थे नया Pakisthan और रियासत ए मदीना। इमरान ने अपने प्रचार अभियान में कहा था कि 'नया Pakisthan' बनाने की ओर उनकी पार्टी कदम बढ़ाते हुए सभी को विकास के लिए उन्नति के लिए समान अवसर मुहैया कराएगी। इमरान ने Pakisthan के ऑल वेदर फ्रेंड चीन का हवाला देते हुए कहा कि यह देश 30 सालों में अपनी 70 करोड़ की आबादी को गरीबी रेखा से बाहर ले आया।

इमरान ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद पीटीआइ पिछले सात दशकों से अमीरों के छोटे तबके से दबाए गए लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए काम करेगी। उनकी पार्टी ऐसी नीतियां बनाएगी जिससे Pakisthan में अमीरी-गरीबी का भेद कम किया जा सके। 

रियासत-ए-मदीना का जिक्र करते हुए इमरान ने कहा कि ये एक ऐसी रियासत थी जहां शासन ने अपने कमजोर तबके की जिम्मेदारी ली। पहली दफा एक रियासत ने बेवाओ, मजलूमों और गरीब गुरबों की जिम्मेदारी ली। हमारी प्रेरणा यही रियासत है। हमारी जो रियासत है वो इसका उल्टा है, ये जानवरों का निजाम है। मैं इसे बदलूंगा, हमारी सारी पॉलिसी गरीबों-किसानों के लिए बनेगी।

लच्छेदार भाषण देने के बाद Imran Khan जब सत्ता संभालने अपने आवास बनीगाला से निकलकर इस्लामाबाद में Pakisthani सत्ता प्रतिष्ठान के केंद्र पर हुआ तो उनका सामना Pakisthan की तल्ख सच्चाइयों से हुआ। Pakisthan का खजाना खाली था। Pakisthan के युवाओं को इमरान से बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन सतत बेलआउट पर पलने वाले Pakisthan के अपनी जनता को देने के वादे तो ढेरों थे लेकिन इन वादों को पूरा करने के लिए पैसे नहीं थे। 

18 अगस्त 2018 को Pakisthan की कमान संभालने वाले इमरान ने  मुल्क का बही खाता चेक किया तो वे हैरान रह गए। Pakisthan का करंट अकाउंट डेफिसिट 2।7 बिलियन डॉलर (2015) से बढ़कर 18।2 बिलियन डॉलर (2018) हो चुका था। जून 2018 तक Pakisthan का कर्ज $179।8 बिलियन डॉलर हो चुका था और महज एक ही साल में ये बढ़कर 25।2 बिलियन डॉलर हो गया। 

Pakisthan की इकोनॉमी की हालत देखकर इमरान के विश्वस्त रहे असद उमर; जिन्हें इमरान ने वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा था, ने मंझधार में ही इमरान का साथ छोड़ दिया। असद उमर ने 8 महीने में ही वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। अगर इमरान के पूरे कार्यकाल की बात करें सिर्फ साढ़े तीन साल के शासन में इमरान ने पांच बार अपने वित्तमंत्री बदले। इससे जनता में संदेश गया कि सरकार को इकोनॉमी का गणित समझ में नहीं आता।

महंगाई कोहराम लेकर आई
एक तो देश की खराब माली हालत दूजे महंगाई का डंक, इसी दौरान कोरोना का अटैक हुआ। इन कारणों की वजह से Pakisthan में महंगाई ऐसी समस्या बन गई जिससे जनता सड़कों पर आ गई। दूध, आटा, चावल, चिकन, दवाइंया जैसी बुनियादी चीजों की कीमतों में बेतरह इजाफा हुआ। महंगाई हमेशा इमरान के कंट्रोल से बाहर रही।  
     
मार्च 2019 में Pakisthan में महंगाई दर 9।41% पहुंच गई थी जो नवंबर 2013 के बाद से सबसे अधिक थी। इमरान का तिलिस्म धीरे-धीरे टूटने लगा। महंगाई की मारी जनता सवाल करने लगी, क्या यही नया Pakisthan है?

 Imran Khan के सत्ता में आने के बाद Pakisthan की जीडीपी 315 अरब डॉलर से गिरकर 264 अरब डॉलर हो गई। महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 10 अप्रैल 2022 को इमरान की सत्ता से विदाई हो गई लेकिन Pakisthan में महंगाई की छलांग जारी रही। इस साल अप्रैल में Pakisthan में महंगाई दर रिकॉर्ड  36।4 फीसदी है, जो दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा है। Pakisthan में आटे के लिए मार काट मचा हुआ है और अनाज के लिए लूटपाट की खबरें आम है। 

सेना से टकराव लेकर इमरान ने तोड़ दी राजनीतिक बैसाखी
जब इमरान 2018 में सत्ता में आए थे तो आलोचकों का आरोप था कि ये वे इलेक्टेड नहीं बल्कि सेलेक्टेड पीएम है। विपक्षी पार्टियां समेत कई संगठनों ने कहा कि इमरान सेना द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री हैं। आरोप लगा कि 2018 के चुनाव में जमकर धांधली हुई है और इमरान को सेना ने पीएम बनवाया है। इमरान सत्ता में आए तो सेना के साथ उनकी जोड़ी जमी नहीं। कुछ ही महीनों में सेना के साथ उनका टकराव शुरू हो गया। इमरान ने पीएम पद को सेना के प्रभाव से मुक्त करने की कोशिश की लिहाजा फौज से उनका टकराव हो गया।

Imran Khan पर आरोप लगा कि वे Pakisthan के पूर्व आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को विस्तान नहीं देना चाहते थे और वे इसे टालने की कोशिश करते रहे। इसके अलावा उन्होंने बाजवा के चहते जनरल नदीम अंजुम को ISI के चीफ पद पर नियुक्ति में भी टालमटोल की। ये ऐसी घटनाएं थी जिससे सेना के साथ उनका टकराव लगातार होता रहा। 

पिछले साल जब विपक्ष ने अविश्वास प्रस्वाव के जरिए उन्हें हटाने की कोशिश की आर्मी ने इसे विदेशी साजिश करार दिया और इसके पीछे अमेरिका का हाथ बताया। अमेरिका पर कई चीजों के लिए निर्भर Pakisthani सेना और हुक्मरानों के लिए ये बेहद ही विकट स्थिति थी। हालात ऐसे हुए कि Pakisthani सेना को इसके लिए सफाई भी देनी पड़ी। सेना से टकराव लेकर इमरान ने अपनी वो बैसाखी तोड़ दी जिसके सहारे में Pakisthan का हुक्मरान लोकतंत्र की इमारत पर जैसे-तैसे टिका रहता है। 

Corruption के आरोप
नया Pakisthan का नारा देने वाले Imran Khan को जब कुर्सी मिली तो उन पर Corruption के शर्मसार कर देने वाले आरोप लगे। इसमें उनकी पत्नी बुशरा बीवी और उनकी सहेलियों का भी नाम आया। Imran Khan पर बतौर पीएम मिले गिफ्ट को बेचकर पैसा कमाने का आरोप लगा। इमरान को जो महंगी घड़ी कभी प्रिंस सलमान ने दी थी वही घड़ी गल्फ के चोर बाजार में बिकी। 
      
पीएम Imran Khan और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने Pakisthan के सरकारी कोषागार से 14।2 करोड़ रुपये के 112 उपहारों को मात्र 4 करोड़ रुपये में खरीद लिया। इसके अलावा इमरान और बुशरा पर लेडिज रोलेक्स वॉच, महंगे परफ्यूम, रूबी, सोने और हीरे के गहने, महंगे पेन, सोने की कफ लिंक जैसे कीमती सामानों को गायब करने का आरोप है। 

Pakisthan की सत्ताधारी नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने हाल ही में बुशरा और उनकी सहेली फराह शहजादी पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर 6 अरब रुपये की कमाई करने का आरोप लगाया था। Imran Khan का ये ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ था जिससे Imran Khan के चरित्र पर Pakisthan में कई तरह की बातें बनाई जाने लगी।

एकजुट विपक्ष ने ले ली इमरान की कुर्सी
एक और इमरान अपनी करनी के जाल में फंसते जा रहे थे तो दूसरी ओर Pakisthan का विपक्ष एकजुट होकर इमरान को हटाने के मुहिम में जुटा था। इस समय तक इमरान ने अपने विरोधियों को चोर, डकैत, लुटेरा, गद्दार जैसा सियासी टाइटल देना शुरू कर दिया। मौलाना फजर्रूहमान को तो Imran Khan सार्वजनिक तौर पर 'डीजल' कहकर बुलाते थे।

इमरान को घेरने के लिए Pakisthan तत्कालीन विपक्ष के नामी-गिरामी नेता शहबाज शरीफ, मरियम नवाज, आसिफ अली जरदारी, बिलावल भुट्टो और मौलाना फजर्रूहमान ने खेमेबंदी कर ली। इन नेताओं को लंदन में बैठे पूर्व पीएम नवाज शरीफ का गाइडेंस मिल रहा था। आखिरकार विपक्ष ने पीटीआई में शामिल कुछ सदस्यों को तोड़ लिया।  अप्रैल 2022 में Pakisthan की नेशनल एसेंम्बली में Imran Khan विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए और उनकी सरकार गिर गई। 
      
कराची में प्रदर्शनकारियों ने कैदी वाहन में आग लगा दी
इमरान की सरकार गिरते ही उनके दुर्दिन शुरू हो गए। जैसा कि Pakisthan की राजनीति का दस्तूर है इमरान के खिलाफ केस खुलते गए। आखिरकार अल कादिर ट्रस्ट मामले में Imran Khan को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में इमरान और उनकी पत्नी के खिलाफ एक रेशिडेंशियल कॉम्प्लेक्स की जमीन गैर कानूनी तरीके से हड़पने का आरोप है। 

इमरान ने इस कार्रवाई के सेना और विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है और इसे बदला करार दिया है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद Pakisthan उबल रहा है। इमरान की पार्टी पीटीआई ने अपने कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतरने को कहा है और कहा है कि जब तक इमरान को रिहा नहीं किया जाता वे सड़कों पर ही रहें।

इमरान की पुकार पर पीटीआई कार्यकर्ता जबरदस्त हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने सेना के कमांडरों के घरों को कब्जे में ले लिया है और सरकारी संपत्ति को जला रहे हैं। फिलहाल Pakisthan के हालात काफी नाजुक दिख रहे हैं।