महिला आरक्षण: अभी 'राजीव' दांव बाकी है; मेज थपथपाने वाली कांग्रेस चुनाव में पीएम मोदी को नहीं लेने देगी श्रेय
Mhara Hariyana News, New Delhi : Congress पार्टी ने संसद के भीतर, Modi सरकार द्वारा लाए गए 'women reservation' bill का न केवल मेजें थपथपाकर स्वागत किया, बल्कि उसे दोनों सदनों में पारित कराने में भी सरकार का साथ दिया। राजनीतिक जानकारों का कहना था कि Congress पार्टी ने women reservation का मुद्दा, 2024 के अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करने की तैयारी कर रखी थी।
Modi सरकार ने एकाएक संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस bill को पारित करा दिया। BJP ने अपने एक दांव से ही सारा श्रेय खुद ले लिया। हालांकि, दोनों सदनों में Congress पार्टी ने women reservation के मुद्दे को नया नहीं बताया।
पार्टी का कहना था कि ये तो Congress का ही मुद्दा है। इसे पहले भी संसद में पेश किया गया, लेकिन उसे दूसरे दलों ने पास नहीं होने दिया। अब Congress पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर सियासत में 'राजीव' दांव खेलने की तैयारी कर ली है। Congress पार्टी, इतनी आसानी से इस दांव को Modi सरकार के पक्ष में नहीं जाने देगी। पार्टी ने इसका ट्रेलर जारी कर दिया है।
देश की महिलाओं के साथ धोखा
Congress पार्टी ने 25 सितंबर को देश के विभिन्न हिस्सों में 'women reservation' की सच्चाई बताने के लिए अपनी 21 महिला नेताओं को मैदान में उतारा। इनके जरिए पार्टी ने अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है।
पार्टी, किसी भी सूरत में इस दांव को BJP के पाले में नहीं जाने देगी। इसके लिए देशभर में जनसभाएं की जाएंगी। लोगों को बताया जाएगा कि women reservation, Congress पार्टी का मुद्दा रहा है। पार्टी ने कई बार women reservation bill को पारित कराने का प्रयास किया, लेकिन विरोधी दलों ने उसे पास नहीं होने दिया।
ऑल इंडिया Congress कमेटी की नेता, सोमवार को women reservation के मुद्दे पर खासी मुखर रही। प्रवक्ता शोभा ओझा ने चंडीगढ़ Congress भवन में कहा, Modi सरकार का women reservation बिल एक जुमला है।
अगर Modi सरकार को women reservation देना ही था तो Loksabha चुनाव के निकट ही यह बिल क्यों लाई। BJP तो 2014 से सत्ता में है। इस bill को पहले भी लाया जा सकता था।
केंद्र की BJP सरकार ने देश की महिलाओं के साथ धोखा किया है। यह बिल और कुछ नहीं, बल्कि देश की ज्वलंत समस्याओं से ध्यान भटकाने का तरीका भर है। BJP ने women reservation की आड़ में बेरोजगारी, घोटाले और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने का काम किया है।
women reservation, ये सपना तो राजीव गांधी का था
Congressi नेता शोभा ओझा ने कहा, सबसे पहले women reservation का सपना स्व: प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था। उन्होंने 1989 में कहा था कि यदि महिलाओं को उनके सभी अधिकार मिलें, जिसमें राजनीतिक भागीदारी भी शामिल थी तो निश्चित तौर पर अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्ति पाई जा सकती है।
ये राजीव गांधी की ही सोच थी कि उन्होंने पंचायती राज में महिलाओं को हिस्सेदारी देने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल पेश किया था। वह बिल Loksabha में पास हो गया था। बतौर शोभा ओझा, वह बिल राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था।
उस वक्त BJP के नेता अटल बिहारी वाजपेयी और एलके आडवाणी सहित अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया था। उस दौर में ऐसा बिल लाने बाबत कोई सोच भी नहीं सकता था, लेकिन राजीव गांधी, महिलाओं को उनके अधिकार देने के लिए इस बिल को लेकर आए थे।
उसके बाद नरसिम्हा राव की सरकार के समय इस बिल ने कानून का रूप लिया। इसके बाद लंबे-लंबे घूंघट में रहने वाली महिलाओं ने पंच, सरपंच, मेयर व नगर पालिका अध्यक्ष बनकर अपने गांव एवं वार्ड को संवारना शुरु किया।