राजोरी मुठभेड़: शहीद रवि की दिसंबर में थी शादी, घर में चल रही थीं तैयारियां, अब हर आंख नम
Mhara Hariyana News, Kishtwar : Rajori encounter: में शहादत को प्राप्त करने वाले सेना के जवान Ravi Kumar को गुरुवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बलिदानी Ravi Kumar Kishatwar जिले के कालीगढ़ के वसनौती गांव के रहने वाले थे। बुधवार रात करीब दस बजे उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा।
जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो हर ओर से चीख पुकार मच गई। जवान Ravi की शहादत से पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। Ravi की इसी साल दिसंबर में शादी होनी थी। इसके लिए घर में तैयारियां चल रही थीं।
सेना के ब्रिगेडियर, जिला उपायुक्त देवांश यादव, एसएसपी Kishatwar खलील पोसवाल व अन्य कई अधिकारी उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए। कालीगढ़ से वाहनों के जरिये शमशान घाट हस्ती तक उनके पार्थिव शरीर को ले जाया गया।
इस दौरान वाहन को फूल मालाओं के साथ सजाया गया था। Martyr की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान हर आंख में गुस्सा और गम देखा गया। लोगों ने भारत मात की जय, Martyr Ravi अमर रहे, आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए।
Rajori जिले के नारला क्षेत्र में दो आतंकी मारे गए। पहला आतंकी मंगलवार शाम और दूसरा आतंकी बुधवार को मार गिराया गया। दोनों आतंकियों से बड़ी मात्रा में गोला बारूद, दो एके राइफल, खाने-पीने का सामान और अन्य युद्धक सामग्री बरामद हुई है।
मुठभेड़ में सेना में राइफलमैन Ravi Kumar भी बलिदान हुआ। जबकि सेना की मादा लैब्राडोर केंट ने भी सर्वोच्च बलिदान दिया। बलिदानी राइफल मैन Ravi Kumar को स्थानीय सैन्य मुख्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई। वह Kishatwar के रहने वाले थे। इसके साथ ही मादा लैब्राडोर केंट को भी श्रद्धांजलि दी गई।
Ravi की दिसंबर में थी शादी
Rajori में मंगलवार को आतंकियों से मुठभेड़ में Martyr Kishatwar के राइफलमैन Ravi Kumar की दिसंबर में शादी थी। घर में तैयारियां चल रही थीं। शहादत की खबर से अब हर आंख नम है। वहीं, बुधवार को Martyr का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। मौसम खराब होने से हेलिकॉप्टर सेवा नहीं मिली।
इस कारण पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंच पाया। इसके बाद सेना सड़क मार्ग से रवाना हुई। वीरवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। Kishatwar की पंचायत त्रिगाम के गांव वसनोति कालीगढ़ निवासी Ravi Kumar सेना की 63 आरआर में तैनात थे।
22 फरवरी 1997 को जन्मे Ravi Kumar 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि Ravi छुट्टी काटकर 28 अगस्त को Rajori ड्यूटी पर लौटा था। 29 अगस्त को ज्वॉनिंग डाली थी। किसे पता था कि बेटा आखिरी बार छुट्टी पर आया था।
अब तिरंगे में लिपटा घर आएगा। नम आंखों से कहा कि बेटे के विवाह की तैयारी कर रहे थे। अब अंतिम विदाई की कर रहे हैं। कहा कि Ravi बचपन से ही होनहार था। अकसर सेना में भर्ती होकर देश सेवा की बात करता था। उसके जाने का दुख है, लेकिन गर्व भी हो रहा है कि बेटा देश के काम आया है। Martyr के दोस्तों का कहना था कि Ravi ईमानदार और सूझबूझ वाला इंसान था।
तीन और चार दिसंबर को थी शादी
पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि Ravi Kumar का विवाह तीन और चार दिसंबर को था। सरथल इलाके के गांव में रिश्ता तय हुआ था। घर में विवाह की तैयारियां चल रही थीं। लेकिन, कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। पूरे इलाके में मातम है।
11 बजे से ही लोग पहुंच गए थे हेलिपैड पर
बुधवार को Martyr के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने की खबर पर सुबह 11 बजे से ही लोग हेलिपैड पर पहुंच गए थे। बाद में खबर मिली कि बारिश के चलते पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से लाया जाया गया। वीरवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।