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डेरा सच्चा सौदा की साध संगत ने की हिमाचल में नामचर्चा

Mhara Hariyana News धर्मशाला,17 अप्रैल । रविवार को हिमाचल प्रदेश की साध-संगत ने डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह का पावन भंडारा धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में मानवता भलाई कार्यो के साथ बड़ी धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। डेरा सच्चा सौदा की नामचर्चा में उमड़े साध-संगत के जन सैलाब ने पूज्य गुरु संत …
 
डेरा सच्चा सौदा की साध संगत ने की हिमाचल में नामचर्चा
धर्मशाला,17 अप्रैल । रविवार को हिमाचल प्रदेश की साध-संगत ने डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह का पावन भंडारा धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में मानवता भलाई कार्यो के साथ बड़ी धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। डेरा सच्चा सौदा की नामचर्चा में उमड़े साध-संगत के जन सैलाब ने पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ विश्वास, श्रद्धा का नया इतिहास रच दिया और साध-संगत के उत्साह के आगे प्रबंधन द्वारा किये गए सभी प्रबंध छोटे पड़ गए। वहीं साध-संगत पावन भंडारे में शिरकत करने के लिए हिमाचली वेशभूषा और पारंपरिक वाद्यों पर नृत्य करते हुए पहुंची। नामचर्चा के दौरान हिमाचल प्रदेश के डेरा श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरु जी के दिशा-निर्देशन में किये जा रहे 138 मानवता भलाई कार्यो को रफ्तार देते हुए जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक आहार की किटें, जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें दी गई। इसका अलावा नामचर्चा पंडाल में ही चिकित्सा जांच शिविर लगाकर विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लोगों को फ्री में उचित परामर्श दिया और दवाईयां भी फ्री में दी गई। इस दौरान हिमाचल प्रदेश की समस्त साध-संगत ने एकजुटता के साथ मानवता भलाई कार्यो में दोगुने जोश के साथ भाग लेने का हाथ खड़े कर संकल्प लिया।
          डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह की खुशी में आयोजित पावन भंडारे की नामचर्चा की शुरुआत भंगीदास द्वारा धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का पवित्र नारा लगाकर व आई हुई समस्त साध-संगत को रूहानी स्थापना माह की बधाई देकर की। इसके पश्चात कविराजों ने अनेक सुन्दर-सुन्दर शब्दवाणी के माध्यम से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया।
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नामचर्चा के दौरान 138 मानवता भलाई कार्यो के तहत जरूरतमंद बच्चों को खाने के लिए पौष्टिक आहार की किटें दी गई। खाने की खाद्य सामग्री पाकर बच्चों के चेहरों पर एक अलग ही मुस्कान देखी गई। इसके अलावा महिलाओं को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए जरूरतमंद महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीनें बांटी गई।
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पावन भंडारे की नामचर्चा में शिरकत करने पहुंची साध-संगत के खाने-पीने व ठहरने के लिए डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन द्वारा विशेष प्रबंध किये गए। इन कार्यों को सुचारू से रूप से करने के लिए शनिवार को ही हजारों सेवादारों ने अपनी-अपनी ड्यूटियां संभाल ली थी। नामचर्चा की समाप्ति पर कुछ ही मिनटों में समस्त साध-संगत को लंगर, भोजन व प्र्र्रशाद खिलाया गया।
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पावन भंडारे की खुशी में नामचर्चा पंडाल में लगाए गए नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का स्थानीय लोगों ने काफी फायदा उठाया। शिविर में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सिरसा के विशेषज्ञ चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने अपनी सेवाएं दी। चिकित्सकों की टीम ने विभिन्न बीमारियों से संबंधित रोगियों की नि:शुल्क जांच कर उन्हें अपना बहुमूल्य परामर्श दिया गया। साथ ही रोगियों को नि:शुल्क दवाइयां भी दी गई।
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हिमाचली वेशभूषा और परंपरागत धुनों पर नाचते गाते पहुंची साध-संगत 
धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में आयोजित रूहानी स्थापना माह की नामचर्चा में हिमाचली संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। कोई हिमाचली वेशभूषा डालकर तो कोई परंपरागत वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचता-गाता हुआ पहुंच रहा था। 
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– 29 अप्रैल 1948 को हुई थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
जिक्रयोग है कि डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अपै्रल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। इनके पश्चात दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों सत्संग कर लाखों लोगों को गुरु मंत्र देकर इंसानियत के मार्ग पर चलाया और अब वर्तमान में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 138 मानवता भलाई कार्यो को करने में जुटे हुए हैं। इन लोक भलाई के कार्यो में गरीब बच्चों को अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार देना,  महिलाओं को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नि:शुल्क सिलाई मशीने देना, रक्तदान, शरीरदान, गुर्दा दान, पौधारोपण, गरीबों को मकान बनाकर देना, गरीब कन्याओं की शादी करवाना, राशन वितरण, नेत्रदान, लोगों का नशा छुड़वाना, आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का निशुल्क इलाज करवाना, निशक्त जनों को सहारा देने के लिए ट्राई साइकिल देना सहित अनेक कार्य शामिल है। वहीं 29 अप्रैल 2007 को पूज्य गुरु जी ने रूहानी जाम की शुरूआत कर मर चुकी इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा उठाया।