Aaj Ka Panchang: आज किस समय मिलेगा किस्मत का साथ, जानने के लिए पढ़ें 24 अगस्त 2022, बुधवार का पंचांग
Mhara Hariyana News
भाद्रपद मास (Bhadrapada 2022) के कृष्णपक्ष की द्वादशी (Dwadashi) तिथि पर किसी कार्य के लिए कौन सा समय शुभ और कौन सा समय अशुभ साबित हो सकता है, इसे विस्तार से जानने के लिए जरूर देखें 24 अगस्त 2022, बुधवार का पंचांग (Wednesday Panchang).
Aaj Ka Panchang: आज किस समय मिलेगा किस्मत का साथ, जानने के लिए पढ़ें 24 अगस्त 2022, बुधवार का पंचांग24 अगस्त 2022, बुधवार का पंचांग
Aaj ka Panchang 24 August 2022: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग (Panchang) की आवश्यकता पड़ती है. जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें. आइए पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल (Dishashool), भद्रा (Bhadra), पंचक (Panchank), प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं.
कब लगेगा राहुकाल
हिंदू धर्म में किसी भी कार्य विशेष को करते समय शुभ-अशुभ समय को देखने की परंपरा है। पंचांग के अनुसार दिन में एक बार राहुकाल के समय किसी भी शुभ काम को करने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें काम करने पर तमाम तरह की बाधाएं आती हैं। पंचांग के अनुसार आज 24 अगस्त 2022 को राहुकाल दोपहर 12:23 से 02:00 बजे तक रहेगा। ऐसे में इस समय के बीच में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से बचना चाहिए।
किधर रहेगा दिशाशूल
हिंदू धर्म में शुभ समय की तरह शुभ दिशा का भी विशेष ख्याल रखा जाता है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक दिन लगने वाले राहुकाल की तरह प्रत्येक दिशा में दिशाशूल होता है, जिस ओर जाने पर कार्य विशेष में परेशानी आती है। पंचांग के अनुसार बुधवार के दिन उत्तर दिशा में दिशाशूल होता है। ऐसे में इस दिशा में व्यक्ति को यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि उत्तर दिशा में जाना बहुत जरूरी हो तो व्यक्ति को दिशा दोष से बचने के लिए धनिया खाकर यात्रा करना चाहिए।
24 अगस्त 2022 का पंचांग
(देश की राजधानी दिल्ली के समय पर आधारित)
विक्रम संवत – 2079, राक्षस
शक सम्वत – 1944, शुभकृत्
दिन (Day) | बुधवार |
अयन (Ayana) | दक्षिणायन |
ऋतु (Ritu) | वर्षा |
मास (Month) | भाद्रपद मास |
पक्ष (Paksha) | कृष्ण पक्ष |
तिथि (Tithi) | द्वादशी प्रात:काल 08:30 बजे तक तदुपरांत त्रयोदशी |
नक्षत्र (Nakshatra) | पुनर्वसु दोपहर 01:39 बजे तक तदुपरांत पुष्य |
योग (Yoga) | व्यतीपात |
करण (Karana) | तैतिल प्रात:काल 08:30 बजे तक तदुपरांत गर रात्रि 09:36 बजे तक तदुपरांत वणिज |
सूर्योदय (Sunrise) | प्रात: 05:55 बजे |
सूर्यास्त (Sunset) | सायं 06:52 बजे |
चंद्रमा (Moon) | मिथुन प्रात:काल 06:56 बजे तदुपरांत कर्क राशि में |
राहु काल (Rahu Kaal Ka Samay) | दोपहर 12:23 से 02:00 बजे तक |
यमगण्ड (Yamganada) | प्रात:काल 07:32 से 09:09 बजे तक |
गुलिक (Gulik) | प्रात:काल 10:46 से दोपहर 12:23 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurt) | — |
दिशाशूल (Disha Shool) | उत्तर दिशा में |
भद्रा (Bhadra) | — |
पंचक (Pnachak) | — |
अजा एकादशी के पारण (व्रत तोड़ने) का समय | प्रात:काल 05:55 से 08:30 बजे तक |