देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए क्या करें और क्या न करें
Do's and don'ts to get the blessings of Lord Vishnu on Devuthani Ekadashi
Mhara Hariyana News:
हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी को सोते हैं और देवउठनी एकादशी यानि चार माह बाद योग निंद्रा से जागते हैं और वापस से सृष्टि का कार्यभार संभालने लगते हैं. माना जाता है कि इस दिन से सभी मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि प्रारंभ हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि बाकी सभी एकादशियों में से इस एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस दिन व्रत करने वालों को स्वर्ग और बैकुंठ की प्राप्ति होती है. यदि आप देवउठनी एकादशी व्रत के पुण्यफल को पाना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि आपकी सभी मनोकामना पूरी हो तो आपको इससे जुड़े जरूरी नियम जरूर मालूम होना चाहिए. आइए जानते हैं कि हमें देवशयनी के दिन क्या करन और क्या नहीं करना चाहिए.
देवउठनी एकादशी पर जरूर करें ये काम
देवउठनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर साधक को स्नान करना चाहिए और फिर व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
संकल्प के बाद भगवान विष्णु का केसर और दूध से अभिषेक करें और फिर उनकी आरती करें.
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को सफेद रंग का भोग लगाएं. इस दिन खीर या सफेद रंग की कोई भी मिठाई का भोग लगानें से वे प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं.
इस दिन निर्जला व्रत रखने से ज्यादा लाभ मिलता है.
देवउठनी एकादशी पर न करें ये काम
देवउठनी एकादशी के दिन चावल का सेवन भूल कर भी नहीं करना चाहिए. एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को एक दिन पहले सायंकाल से ही चावल का सेवन करना बंद कर देना चाहिए.
व्रत के दौरान कोशिश करें कि किसी के प्रति मन में द्वेष भावना न उत्पन्न हो. इस दिन बूढ़े-बुजुर्गों की सहायता करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता और शालीग्राम का विवाह होता है, ऐसे में इस दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
इस दिन न तो घर में और न ही घर के बाहर किसी से लड़ाई-झगड़ा करना चाहिए. माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.
देवउठनी एकादशी के दिन यदि आप ने व्रत नहीं भी रखा है तो कोशिश करें कि सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इस दिन लहसुन और प्याज के सेवन से भी बचना चाहिए.