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वाराणसी में Mandhateshwar Mahadev temple के शिखर पर गिरी आकाशीय बिजली, टूट गया ऊपरी हिस्सा

Lightning fell on the summit of Mandhateshwar Mahadev temple in Varanasi, upper part broken
 
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Mhara Hariyana News

वाराणसी में मानधातेश्वर महादेव मंदिर के शिखर पर गिरी आकाशीय बिजली, टूट गया ऊपरी हिस्सा (Lightning)के गिरने के दौरान मंदिर के आसपास कोई श्रद्धालु उपस्थित नहीं था. इस कारण किसी को भी कोई चोट नहीं आई है

वाराणसी(Varanasi) काशी विश्वनाथ धाम के निकट बाबा मानधातेश्वर महादेव(Baba Mandhateshwar Mahadev)दिर के ऊपरी शिखर पर आकाशीय बिजली गिरने से शिखर का उपरी गुम्बज क्षतिग्रस्त(dome damaged)हो गया है.


वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम (Varanasi Kashi Vishwanath temple) के निकट बाबा मानधातेश्वर महादेव मंदि(Baba Mandhateshwar Mahadev Temple)र के ऊपरी शिखर पर आकाशीय बिजली गिरने से शिखर का उपरी गुम्बज क्षतिग्रस्त( गुम्बज क्षतिग्रस्त) हो गया है. मंगलवार शाम में 5:30 बजे के आसपास अचानक मौसम बिगड़ा और तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली(Lightning) चमकने लगी. उस समय काशी विश्वनाथ धाम और आसपास के मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु(Devotees) मौजूद थे. बाबा मानधातेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं(Devotees) की भारी भीड़ थी. आरती का समय हो गया था. पुजारी आरती की तैयारी कर रहे थे. तभी तेज आवाज के साथ बाबा मानधातेश्वर महादेव मंदिर(Baba Mandhateshwar Mahadev Temple) के ऊपरी शिखर पर आकाशीय बिजली गिरी और मंदिर का ऊपरी शिखर क्षतिग्रस्त हो गया.


शिखर(peak) नीचे गिरा यह तो अच्छा सहयोग था कि किसी को चोट नहीं आई. मंदिर परिसर में शिखर के पत्थर का टुकड़ा चारों ओर बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त होकर गिर गया. काशी विश्वनाथ धाम परिसर में भारत माता की प्रतिमा के समीप स्थित माधातेश्वर महादेव मंदिर के शिखर का कलश मंगलवार के अपरान्ह हुई तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया(The urn of the Madhateshwar Mahadev temple, located near the statue of Mother India in the Kashi Vishwanath Dham complex, was damaged due to lightning during the heavy rain on Tuesday afternoon.). इसके अलावा कोई भी जनहानि नहीं हुई. मंदिर प्रशासन की ओर से तत्काल शिखर के कलश के क्षतिग्रस्त टुकड़े को हटवा दिया गया.

मंदिर में उपस्थित सभी लोग रहे सुरक्षित
मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि बारिश शुरू होने के बाद श्रद्धालु धाम के जलपान केंद्र और अन्य हॉल के अंदर चले गए थे. आकाशीय बिजली के गिरने के दौरान मंदिर के आसपास कोई श्रद्धालु उपस्थित नहीं था(
No devotees were present around the temple when the lightning struck). तत्काल इस शिखर का मरम्मत का कार्य कराया जाएगा. बाबा श्री काशी विश्वनाथ(Shri Kashi Vishwanath) परिसर बड़ा होने के कारण श्रद्धालु तेज बारिश के बाद विभिन्न स्थानों पर बरसात से बचने के लिए शरण ले लिए थे, लेकिन अगर मंदिर का परिसर पहले की तरह छोटा होता तो श्रद्धालु(Devotees) एक ही जगह एकत्रित होते तो दुर्घटना की संभावना ज्यादा रहती.