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शिव महापुराण के शुभारंभ से पूर्व निकाली मंगल कलश यात्रा

शिव महापुराण मोक्ष और भोग देने वाली कथा: राहुल शास्त्री
 
 
शिव महापुराण के शुभारंभ से पूर्व निकाली मंगल कलश यात्रा
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Mhara Hariyana News
सिरसा

ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 महंत श्री नित्यानंद सरस्वती महाराज की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में पटेल बस्ती भादरा पार्क के समीप स्थित डेरा बाबा अलखिया में 17 नवंबर से श्री शिव महापुराण कथा महायज्ञ का आयोजन किया गया। कथा से पूर्व मंगल कलशयात्रा निकाली गई।
    शिव महापुराण मोक्ष और भोग देने वाली कथा: राहुल शास्त्री

मंगल कलश यात्रा डेरा बाबा अलखिया से सुबह सवा 11 बजे आरंभ हुई। शोभा यात्रा का आयोजन सुरेनानंद सरस्वती महाराज व अमरानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में किया गया। बृहस्पतिवार प्रात: श्रद्धालु महिलाएं डेरा बाबा अलखिया में एकत्रित हुई। सभी श्रद्धालुओं ने नित्यानंद सरस्वती महाराज की समाधि स्थल पर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। उसके बाद विद्वान पंडि़तों द्वारा पूजा अर्चना करवाई गई। मंगल कलश यात्रा को सुरेनानंद सरस्वती महाराज व अमरानंद सरस्वती महाराज ने धर्म ध्वजा दिखाकर रवाना किया। शोभा यात्रा में महिलाएं अपने सिर पर मंगल कलश धारण किए चल रही थी। उनके पीछे श्रद्धालु महिलाएं व पुरूष हाथ में धर्म पताका लिए हुए चल रहे थे। धर्म पे्रमी सुंदर भजनों का उच्चारण कर रहे थे। बैंड बाजों और ढोल नगाड़ो, धार्मिक धुनों ने माहौल को भक्तिनुमा बना दिया। इस शोभा यात्रा के दौरान फूलों से सुसज्जित रथ पर नित्यानंद सरस्वती महाराज की प्रतिमा विराजमान थी। साथ में कथा वाचक राहुल शास्त्री व अन्य भक्तजन मौजूद रहे। यह मंगल कलश यात्रा डेरा बाबा अलखिया से आरंभ होकर नगर के प्रमुख बाजारों से होते हुए  कथा स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई। शोभा यात्रा का नगर में जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। 


    कथा प्रारंभ करते हुए कथा वाचक राहुल शास्त्री करनौली वाले ने कहा कि शिव महापुराण मोक्ष और भोग देने वाली कथा है। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण गृहस्थ जीवन जीने के लिए इसे जीवन में उतारना चाहिए। कथा श्रवण करने से मनुष्य पाप कर्म से मुक्त हो जाता है। शास्त्री ने कहा कि जो मनुष्य किसी से द्वेष रखता है और ठगी करता है यदि वह शिव महापुराण कथा का श्रवण करता है तो उसे इससे मुक्ति प्रदान होती है। इस कथा को सुनाने वाला और इसका श्रवण करना वाला दोनों का ही कल्याण होता है। शास्त्री जी ने कहा कि पुराणों में शिव महापुराण चौथा पुराण है। विश्व में मात्र शिव महापुराण ही है जिसका हिंदी और संस्कृत दोनों में अनुवाद किया गया है। उन्होंने कहा कि देवों के देव महादेव विश्व में सबसे पूजनीय है। जिनका निरंकार स्वरुप शिवलिंग के रुप में है। आज की कथा समाप्ति पर भगवान भोलनाथ की आरती की गई और श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुजन उपस्थित थे।


    अमरानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि 17 नवंबर से 24 नवंबर तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक श्री शिव महापुराण कथा होगी। उन्होंने बताया कि कथा समापन पर 24 नवंबर मार्गशीष सुदी एकम को ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 महंत श्री नित्यानंद सरस्वती महाराज की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में डेरा परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।


फोटो विवरण:17सिरसा01,02,03: शोभा यात्रा में फूलों से सुसज्जित रथ पर विराजमान श्री नित्यानंद सरस्वती महाराज की प्रतिमा, हाथों में धर्म ध्वजा लेकर चलते महिला एवं पुरुष श्रद्धालु तथा मंगल कलश लिए चल रही महिला श्रद्धालु।