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दिवाली पर सुंदर लाइटों से सजा गोल्डन टैंपल Golden Temple

1 लाख देसी घी के जले दिए, इको आतिशबाजी से जगमगाया आसमान
 
golden temple
On DiwaliGolden temple decorated with beautiful lights

Mhara Hariyana News, Amritsar। 
दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर अमृतसर के गोल्डन टेंपल को सुंदर लाइटों से सजाया गया है। स्वर्ण मंदिर इस कदर खूबसूरत दिख रहा है कि हर कोई उसे एक टक देखता रह जाता है। शाम होते ही इसकी खूबसूरती कई गुणा बढ़ गई। शाम को 1 लाख देसी घी के दिए जलाए गए और आतिशबाजी भी

दिवाली व बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर आज स्वर्ण मंदिर में 2 लाख से अधिक लोगों के माथा टेका। शाम को पूरे सरोवर के चारों तरफ देसी घी के दिए जलाए गए और आतिशबाजी हुई। पूरे भारत में हिंदू जहां श्री राम की अयोध्या वापसी पर दिवाली मनाते हैं, उसी तरह सिख धर्म में आज का दिन बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस उपलक्ष्य में पूरे स्वर्ण मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। इससे सोने से बने इस मंदिर की खूबसूरती कई गुणा बढ़ गई है। देश-विदेश से आज के दिन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई। लंगर में दाल-रोटी के अलावा खीर, जलेबी भी श्रद्धालुओं को परोसी गई।
52 राजाओं को मुगलों की कैद से छुड़ाया था श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने
दिवाली के दिन श्री राम सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ रावण पर विजय पाने के बाद अयोध्या लौटे थे, लेकिन सिख इतिहास में आज ही के दिन श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने 52 राजाओं को अपनी सूझबूझ से मुगलों की कैद से छुड़ाया था।

श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी को किया था जहांगीर ने कैद
यह बात बादशाह जहांगीर के भारत पर राज करते समय की है। सिख धर्म के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बादशाह जहांगीर ने सिखों के 6वें श्री गुरू हरगोबिंद सिंह जी को बंदी बना लिया था। उन्हें ग्वालियर के किले में कैद कर दिए। यहां पहले से ही 52 हिन्दू राजा कैद थे, लेकिन संयोग से जब जहांगीर ने श्री गुरू हरगोबिंद सिंह जी को कैद किया तो वह बहुत बीमार पड़ गए।


काफी इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हो रहे थे। काजी ने सलाह दी कि श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी को छोड़ दें, लेकिन श्री हरगोबिंद सिंह जी ने अकेले जाने से मना कर दिया और सभी राजाओं को रिहा करने के लिए कहा।

जब गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने धारण किया था 52 कलियों वाला कुर्ता
गुरु हरगोबिंद सिंह जी की बात सुनने के बाद जहांगीर ने भी शर्त रख दी कि वही राजा उनके साथ बाहर जाएगा, जो उनके पहनावे की कली को पकड़ पाएगा, लेकिन श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने एक ऐसा कुर्ता पहना, जिसकी 52 कलियां थी। जिसे पकड़ कर सभी 52 राजे ग्वालियर के किले से बाहर आ गए थे। उन्हीं के आजाद होने पर दिवाली के दिन को बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।