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माघ मास के स्वामी हैं शनि देव और अमावस्या इनकी जन्म तिथि, इसलिए मौनी अमावस शनि पूजा का महापर्व

सिरसा के नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर में होगा शनैश्चरी अमावस्या महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

 
माघ मास के स्वामी हैं शनि देव और अमावस्या इनकी जन्म तिथि, इसलिए मौनी अमावस शनि पूजा का महापर्व
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Mhara Hariyana News

माघ महीने की मौनी अमावस्या को धर्म-कर्म के लिए खास माना गया है। अमावस्या तिथि के स्वामी पितर माने गए हैं। इसलिए पितरों की शांति के लिए इस दिन तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। वहीं पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए इस दिन उपवास रखा जाता है। इस बार ये पर्व 21 जनवरी, शनिवार को है। इस दिन शनि खुद की राशि यानी कुंभ में ही रहेगा। जिससे ये शनि अमावस्या और खास रहेगी।

शनिवार अमावस्या का संयोग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है। ये अपने आप में महापर्व होता है। इस संयोग में तीर्थ और पवित्र नदियों में नहाने से जाने-अनजाने हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। माघ मास के स्वामी शनि देव है और उनका जन्म भी अमावस्या को हुआ था। इसलिए शनि के अशुभ प्रभाव और दोषों से छुटकारा पाने के लिए माघ महीने की शनैश्चरी अमावस्या महापर्व होती है।

ज्योतिषिय नजरिये से भी खास रहेगा ये पर्व...

डॉ. मिश्र का कहना है कि माघ मास की शनैश्चरी मौनी अमावस्या पर शनि अपनी ही राशि यानी कुंभ में मौजूद रहेंगे। जो कि बेहद शुभ स्थिति है। ऐसा संयोग 27 साल पहले, 20 जनवरी 1996 को बना था। अब ऐसी स्थिति अगले 31 सालों बाद 7 फरवरी 2054 को बनेगी।

इसी हफ्ते 17 तारीख को शनि देव अपनी ही राशि यानी कुंभ में आ चुके हैं। जिससे मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती है। कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों पर ढय्या शुरू हो गई है। इन राशियों के लोगों को परेशानियों से राहत के लिए आने वाली 21 जनवरी को शनैश्चरी अमावस्या पर शनि देव की पूजा और दान करना चाहिए।

शनि अमावस्या पर तेल और कंबल का दान
शनि अमावस्या पर काला कपड़ा, काला कंबल, लोहे के बर्तन दान करें। पीपल के पेड़ की पूजा करना चाहिए। सरसों के तेल का दीपक पीपल के नीचे जलाएं और पेड़ की सात परिक्रमा करें। ॐ शनैश्चराय नमः मंत्र बोलते हुए शनि देव की मूर्ति पर तिल या सरसों का तेल चढ़ाएं। लोहे या कांसे के बर्तन में तिल का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें और तेल का दान करें। काली उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर बांट सकते हैं।

वर्ष 2023 की पहली शनैश्चरी अमावस्या 21 को, नोहरिया बाजार के प्राचीन शनिदेव मंदिर में होगा शनि अमावस्या महोत्सव
- शनि पूजन, तेल अभिषेक व प्रसाद वितरण के साथ साथ श्रद्धालु मंदिर के नव निर्माण में भी दे सकते हैं सहयोग
सिरसा। 21 जनवरी, शनिवार को वर्ष 2023 की पहली शनैश्चरी अमावस्या रहेगी। माघ महीने का मौनी अमावस्या भगवान शनिदेव जी की पूजा के लिए विशेष फलदायी मानी गई है। ग्रंथों में इस शुभ संयोग को स्नान-दान का महापर्व कहा गया है। इस दिन किए गए पुण्य कर्म से कई यज्ञ और कठिन तपस्या करने जितना शुभ फल मिलता है। शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर में शनि अमावस्या महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
श्री शनिदेव मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान चंद्रमोहन भृगुवंशी व आनंद भार्गव ने बताया कि शनिवार को आने वाली अमावस्या को शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। इस बार 21 जनवरी, शनिवार को माघ महीने की पहली शनैश्चरी अमावस्या है। 21 जनवरी, शनिवार को सुबह करीब 6.20 से माघ महीने की मौनी अमावस्या शुरू होगी। जो कि दिनभर रहेगी और रविवार की रात तकरीबन 2.20 तक रहेगी। इसलिए स्नान-दान, पितरों के लिए श्राद्ध और पूजा-पाठ शनिवार को ही करना शुभ रहेगा।
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शनि पूजन, तेल अभिषेक व प्रसाद वितरण कार्यक्रम का होगा आयोजन
शनैश्वरी अमावस्या के अवसर पर नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर में भगवान शनिदेव जी का पूजन, तेल अभिषेक व प्रसाद वितरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। समस्त जगत की सुख शांति व खुशहाली के लिए भगवान शनिदेव जी से प्रार्थना की जाएगी।
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शनि पूजन के साथ साथ मंदिर निर्माण में भी दें सहयोग
श्री शनिदेव मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं के सहयोग से सिरसा के ऐतिहासिक शनिदेव मंदिर को भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है। करीब 225 वर्ष पुराने इस मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालु भगवान शनिदेव के पूजन के साथ साथ मंदिर निर्माण कार्य में भी अपना यथा संभव सहयोग दे सकते हैं। श्री शनि देव मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान चंद्रमोहन भृगुवंशी व आनंद भार्गव ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए जो सज्जन सहयोग देना चाहते हैं वे मंदिर में संपर्क कर सकते हैं इसके अलावा  श्री शनि देव मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट के अकाउंट नंबर 41498076294, आईएफएससी कोड एसबीआइएन 0016833 के नाम से भेज सकते हैं।