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मौनी अमावस्या पर बन रहा है शनि संयोग, जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व

इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को पड़ रहा है। इस दिन मौन व्रत रखने और गंगा स्नान का विधान है।
 
मौनी अमावस्या पर बन रहा है शनि संयोग, जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व
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Mhara Hariyana News
 

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है और मन की हर कामना पूर्ण हो जाती है। इस साल मौनी अमावस्या पर शनि अमावस्या भी पड़ रहा है। यहां जानिए इसका क्या है महत्व।

इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को पड़ रहा है। इस दिन मौन व्रत रखने और गंगा स्नान का विधान है। हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इस पावन मौके पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर दूर-दराज से लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। कहते हैं इस दिन संगम में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।  मान्यताओं के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन गंगा में डूबकी लगाने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन व्रत, तर्पण और दान करने से सभी कार्य पूरे हो जाते हैं और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 मौनी अमावस्या पर शनि संयोग
इस साल मौनी अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रहा है। ऐसे में मौनी अमावस्या पर शनि अमावस्या का संयोग बन रहा है। बता दें कि शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। तो इस साल मौनी अमावस्या के दिन मां गंगा और भगवान विष्णु के साथ शनिदेव की कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए मौनी अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करें और उन्हें काला तिल, सरसों जरूर चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव कम होगा।

शनि अमावस्या पर काला तिल, लोहा, कंबल और उड़द की दाल का दान करना भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इन चीजों का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती और धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है। मौनी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण करने पर पितृ दोष और कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है।