logo

Shiv Puja Tips: भगवान शिव की पूजा करते वक्त कभी न करें ये गलती, महादेव हो सकते हैं नाराज

हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवों के देव महादेव की कृपा जिस भी भक्त के उपर होती है उसके जीवन की सभी दिक्कतें दूर हो जाती हैं. लेकिन, उनको प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष विधि-विधान बताए गए हैं. आइए जानते हैं महादेव की पूजा के जुड़े कुछ विशेष नियम.
 
Shiv Puja Tips: भगवान शिव की पूजा करते वक्त कभी न करें ये गलती, महादेव हो सकते हैं नाराज
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News
हिंदू धर्म में भगवान शिव की अराधना का विशेष महत्व होता है. जो भी भक्त महादेव की सच्ची श्रद्धा और मन से पूजा करते हैं उन पर वे अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं. महादेव को शंकर,नीलकंठ या गंगाधर आदि के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि उनकी जो भी पूजा करता है उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती और उसके जीवन में आने वाले परेशानियां भी कम हो जाती हैं. ज्योतिष अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं जिनके पालन से जातक को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. महादेव जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं, वे उतनी ही जल्दी रूठ भी जाते हैं. ऐसे में उनकी पूजा करते वक्त भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए. आइए जानते हैं उनकी पूजा करने के कुछ सही नियम.

भगवान शिव की अराधना करते वक्त ध्यान रखे कि शिवलिंग पर दूध मिले हुए जल को अर्पित करें. ध्यान रखें कि कभी भी उबला हुआ दूध शिव जी पर न चढ़ाएं. इसके अलावा कभी भी पैकट से सीधे दूध शिवलिंग पर न अर्पित करें. ऐसा करने से आपकी पूजा विफल मानी जाएगी.
भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए सोमवार का व्रत विधि-विधान से रखना चाहिए और इस दिन केवल एक समय नमक के बगैर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए.
क्योंकि शिव को रुद्राक्ष बहुत प्रिय होता है इसलिए कोशिश करें कि जब भी आप उनकी अराधना करें या उनका जप करें, तो रुद्राक्ष की माला से करें. लेकिन, ध्यान रखें कि गले में पहनी हुई माला से कभी भूलकर भी जाप न करें. माना जाता है कि इससे भगवान शिव रुष्ठ हो जाते हैं.
अगर आप घर में शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें कभी भी अकेले न रखें. शिव के साथ नंदी, भगवान गणेशजी और माता पार्वती को भी स्थापित करके पूजा करें.
मान्यता है कि भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न करने के लिए बेल और बेलपत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए. लेकिन ध्यान रहे कि ऐसा करने से पहले उसका वज्र भाग यानि डंठल वाला भाग तोड़कर निकाल दें और उसे उलटा करके शिवलिंग या ​भगवान शिव की मूर्ति पर चढ़ाएं.