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मथुरा में आज से खेली जाएगी Lathmaar Holi : देशभर से होली खेलने के लिए बरसाना पहुंचेंगे श्रद्धालु, हर कोई होगा मस्ती में सराबोर

 
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Mhara Hariyana News, Mathura, मथुरा। फाल्गुन के महीने में देशभर में खेला जाने वाला मस्ती के त्यौहार होली आने वाला है। त्यौहार से आठ दिन पहले ही आज से भगवान श्रीकृष्ण की प्रेयसी राधा रानी की नगरी बरसाना में लट्ठमार होली Lathmaar Holi खेली जाएगी। लट्ठमार होली को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। आज नंद गांव के युवक बरसाना आएंगे। यहां की महिला, जिन्हें हुरियारिन कहते हैं, लाठियों से उन्हें भगाएंगी। पुरुषों को मजाकिया अंदाज में पीटती हैं। युवक इस लाठी से बचने का प्रयास करते हैं। अगर वे पकड़े जाते हैं, तो उन्हें महिलाओं की वेशभूषा में नृत्य कराया जाता है। इस तरह से लट्ठमार होली Lathmaar Holi  मनाई जाती है। इस दिन महिलाओं और पुरुषों के बीच गीत और संगीत की प्रतियोगिताएं भी होती हैं।

पांच हजार साल पहले शुरू हुई थी लट्‌ठमार होली Lathmaar Holi 
कहते हैं कि लट्ठमार होली की परंपरा की शुरुआत लगभग 5000 साल पहले हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार नंद गांव में जब कृष्ण lord krishna राधा Radha से मिलने बरसाना गांव पहुंचे तो वे राधा और उनकी सहेलियों को चिढ़ाने लगे। जिसके चलते राधा और उनकी सखियों ने कृष्ण और उनके ग्वालों को लाठी से पीटकर अपने आप से दूर करने लगीं। ​​​​​​तब से ही इन दोनों गांव में लट्ठमार होली Lathmaar Holi  का चलन शुरू हो गया। 


बरसाना में होली होती है होलिका अष्टक से शुरू
होली का त्यौहार ब्रज में धूमधाम से मनाया जाता है। ब्रज में वैसे तो होली Holi की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है।  लेकिन इसका समापन रंगनाथ मंदिर में खेली जाने वाली होली के साथ होता है। 40 दिन तक चलने वाली इस होली का असली मजा होलिका अष्टक Holika Asthak से आता है। बरसाना में होलिका दहन से नौ दिन पहले लड्डू होली खेली गई। इसके साथ ही ब्रज में रंग, अबीर, गुलाल, लाठी और अंगारों की होली शुरू हो जाती है।

रंगीली गली में खेली जाती है लट्ठमार होली
बरसाना में लट्ठमार होली Lathmaar Holi रंगीली गली में खेली जाती है। मान्यता है कि इसी गली में भगवान कृष्ण lord Krishan ने अपने सखाओं के साथ राधा रानी और उनकी सखियों के साथ होली खेली थी। वर्तमान में लट्ठमार होली का विशाल स्वरूप होने के कारण रंगीली गली के अलावा यह होली बरसाना की हर गली और सड़क पर खेली जाती है।