संत महात्मा अपने तप से लोगों के जीवन में परिवर्तन लाते हैं: स्वामी ज्ञानानंद महाराज

Mhara Hariyana News, Sirsa, सिरसा। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ होता है, सदकर्म कर और प्रभु की भक्ति करके प्रभु से जुड़ा जा सकता है, ये समय न रूकता है, न लौट सकता है और न ही इसे खरीदा जा सकता है, समय का सदुपयोग करना चाहिए, सदकर्म करने चाहिए क्योंकि कर्म ही पूजा है। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान जीवन को संवारता है, प्रभु से मन को जोड़े रखता है।
उधर डेरा बाबा भूमण शाह संगर साधा के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रहमदास महाराज ने कहा कि गीता को राष्ट्रीय धार्मिक ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए।
वे शनिवार को श्री बाबा तारा जी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से रानियां रोड श्री बाबा तारा जी कुटिया (श्री तारकेश्वर धाम)के सत्संग स्थल पर आयोजित दिव्य गीता सत्संग में श्रद्धालुओंं पर गीता ज्ञान की अमृत वर्षा कर रहे थे। इस सत्संग में फतेहाबाद, भिवानी और जींद से भी श्रद्धालु आए हुए थे। उन्होंने कहा कि श्री बाबा तारा जी की तपस्थली पर प्रथम बार आकर मन हर्षित हुआ, यहां के वातावरण में महापुरूष के तन के प्रभाव की अनुभूति होती है।
उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है गीता का ज्ञान जीवन को संवारता है गीता ज्ञान प्रभु से मन को जोड़े रखता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि मैं आत्मचेतना हूं पॉवर हूं, सबके भीतर आत्मा के रूप में निवास करता हूं। उन्होंने कहा कि आत्मा अमर-अजर है आत्मा केवल शरीर का त्याग करती है। उन्होंने कहा कि संत-महात्मा अपनी चेतना को जागृत करके आत्मा से जुड जाते हैं। संत महात्मा न जाने कितने लोगों के जीवन में परिवर्तन करते हैं, चेतना विराट होती है, संतों के तप का प्रभाव होता है, शरीर के न रहने पर भी चेतना ईश्वर से जुड़ी रहती है। उन्होंने कहा कि मौत भी कभी कभी जिंदगी बन जाती है।
उन्होंने कहा कि समय का सदुपयोग करना हमारें हाथों में होता है, अच्छे कर्म करके जीवन को संवारा जा सकता है, जनसेवा भी एक प्रकार से ईश्वर भक्ति हैं। इस अवसर पर उन्होंने भजन- मेरे नाथ मेरे दाता, बस इतनी कृपा कर दो, सत्संग सेवा सुमिरन मेरे जीवन में भर दो सुनाया। उन्होंने कहा कि अपने तप के प्रभाव से श्री बाबा तारा जी आज भी यहां मौजूद है। उनकी विरासत को बढ़ाना होगा और इस जिम्मेदारी को सिरसा विधायक, पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा और गोबिंद कांडा बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संतों की परंपरा को संभालना बहुत बड़ी बात होती है, संतों की परंपरा का सरंक्षण और संवर्धन करके आने वाली पीढ़ी के भविष्य को संवारा जा सकता है। जीवन की ऊर्जा क्या है, जीवन का बल क्या है ये संत का तप बताता है। आस्था और स्थान की पवित्रता मनुष्य को अपनी ओर खींचती है। अंत में उन्होंने सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की-सभी सुखी हो, सभी निरोगी हो, सब पर बरसे कृष्ण कृ पा, मंगलमय हो सबका जीवन।
बच्चों में धार्मिक सोच और संस्कार पैदा करने होंगे:बाबा ब्रहमदास महाराज
इस अवसर पर डेरा बाबा भूमण शाह संगर साधा के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रहमदास महाराज ने कहा कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज आज देश-विदेश में गीता ज्ञान का प्रचार प्रसार कर रहे है। जीवन जीने की कला सीखनी है तो गीता का ज्ञान अॢजत करना जरूरी है। बच्चों को धार्मिक संस्कार देने होंगे, उन्हें गीता का ज्ञान देना होगा। भगवान से जुडना है तो गीता से जुडो सत्संग से जुडो। भक्ति से ही शक्ति की प्राप्ति संभव है। उन्होंने डेरा बाबा भूमण शाह के बारे में श्रद्धालुओं को जानकारी दी।
गीता ज्ञान के बिना कल्याण संभव नहीं: गोबिंद कांडा
श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज और डेरा बाबा भूमण शाह संगर साधा के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रहमदास महाराज का स्वागत किया और दोनों से आशीर्वाद प्राप्त किया। गोबिंद कांडा ने कहा कि गीता ज्ञान के बिना जीवन का कल्याण संभव नहीं है, आज स्वामी ज्ञानानंद महाराज गीता ज्ञान का देश और विदेश में प्रसार कर रहे हैं। उनके सांनिध्य में गीता जयंती मनाई जाती है। उन्हें उनकी माता स्व.राधादेवी कांडा ने गीता ज्ञान से अवगत करवाया था और सिरसा में जब भी गीता जयंती समारोह होता है वे जरूर जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस सत्संग स्थल पर देश के प्रख्यात कथा वाचक श्रद्धालुओं को अमृतवाणी की वर्षा कर निहाल कर चुके हैं। उन्होंने स्वामी ज्ञानानंद महाराज से आग्रह किया कि वे भी यहां पर सत्संग कर अपना आशीर्वाद प्रदान करें। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गोबिंद कांडा को गीता भेंट कर सम्मानित किया।
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने सेवकों और श्रद्धालुओं को किया सम्मानित
इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने इस कार्यक्रम के आयोजन का प्रबंधन करने पर एमडी पूनम सेठी को सम्मानित किया। इसके साथ ही महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान अनिल गनेरीवाला, वरिष्ठ पत्रकार संजय अरोडा, नवदीप सेतिया, भीम सर्राफ, जय सिंह कुुसुंभी, सुनील सर्राफ, मनोहरलाल मेहता, अंजनी कनोडिया, महेंद्र सेठी, नगर परिषद सिरसा की पूर्व चेयरपर्सन रीना सेठी, प्रेम कंदोई, पवन गुप्ता, प्रेम बजाज, लेखराज सचदेवा, अनिल सर्राफ, सतीश हिसारिया, मुकेश सर्राफ, अश्वनी बांसल, सुरेश गोयल, राजेश जीवन, बलजीत माहिया, पूर्व एमसी कर्मजीत सिंह, ज्योति रोहिल्ला जींद, सुभाष मेहरा, गुरमुख कंबोज, विनोद कंबोज एडवोकेट, नवदीश गर्ग, नवीन मेहरा, अजय फुटेला, राजेश कनवाडिया, महेंद्र बणीवाला, राजेश अग्रवाल, योगेश शर्मा, दयानंद बैनीवाल, नरेंद्र कटारिया आदि को पटका प्रदान कर सम्मानित किया। मंच संचालन नरेश सैनी ने किया।
संत बाबा ब्रहमदास और स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने श्री बाबा तारा जी की समाधि पर नवाया शीश
श्री बाबा तारा जी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा और एमडी पूनम सेठी सहित अन्य गणमान्य लोगों के साथ साथ श्रीकृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार के सदस्यों ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज और डेरा बाबा भूमण शाह संगर साधा के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रहमदास महाराज का बुके और फूल भेंटकर स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने श्री बाबा तारा जी की समाधि पर जाकर शीश नवाया। गोबिंद कांडा ने उन्हें श्री बाबा तारा जी और उनके चमत्कारों के बारे में जानकारी दी।