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शाह मस्ताना जी ने 74 साल पहले रखी थी डेरा सच्चा सौदा की नींव

Mhara Hariyana News, 74thFoundationMonth, Dera SachaSauda – शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा में मनाया जाएगा 74वां स्थापना दिवस व जाम ए इन्सां की 15वीं वर्षगांठ सिरसा : सर्वधर्मसंगम डेरा सच्चा सौदा की नींव आज से 74 साल पहले शाह मस्ताना जी ने रखी थी। बेगू रोड पर एक छोटी सी कुटिया के रूप में डेरा …
 
शाह मस्ताना जी ने 74 साल पहले रखी थी डेरा सच्चा सौदा की नींव

Mhara Hariyana News,  74thFoundationMonth,  Dera SachaSauda

– शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा में मनाया जाएगा 74वां स्थापना दिवस व जाम ए इन्सां की 15वीं वर्षगांठ
सिरसा : सर्वधर्मसंगम डेरा सच्चा सौदा की नींव आज से 74 साल पहले शाह मस्ताना जी ने रखी थी। बेगू रोड पर एक छोटी सी कुटिया के रूप में डेरा सच्चा सौदा बनाया। रोज मकान बनाते और फिर ढहा देते। लोगों को राम नाम से जोड़ने के लिए खूब सोना, चांदी और रुपये बांटे। डेरा सच्चा सौदा के बारे में अनेक इलाही वचन किए जो अक्षरश सत्य हो रहे हैं। वर्तमान में डेरा सच्चा सौदा अध्यात्म ही नहीं बल्कि मानवता भलाई कार्यों में विश्वभर में अपनी पहचान बना चुका है
डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक शाह मस्ताना जी ने गुरुगद्दी शाह सतनाम जी महाराज को सौंपी जिन्होंने खूब राम नाम का प्रचार किया । बाद में उन्होंने पूज्य संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रूप में ऐसा उत्तराधिकारी दिया जिसने डेरा सच्चा सौदा की ख्याति को विश्वभर में फैला दिया। डेरा अनुयायियों की संख्या लाखों से करोड़ों में पहुंच गई। पूज्य गुरुजी के पावन मार्गदर्शन में वर्तमान में डेरा सच्चा सौदा की साध संगत 137 मानवता भलाई कार्य कर रही है। रक्तदान, पौधारोपण इत्यादि में विश्व रिकार्ड कायम किए है। पूज्य गुरुजी के मार्गदर्शन में डेरा सच्चा सौदा के शिक्षण संस्थानों ने खूब तरक्की की। पढ़ाई केसाथ साथ खेलकूद में अपनी अलग पहचान कायम कीं। पूज्य गुरुजी ने लोगों को राम नाम से जोड़ने के लिए 29 अप्रैल के पावन दिन ही जाम ए इन्सां गुरु का चलाया, जिसे पीकर लोगों ने इंसानियत की सेवा का प्रण लिया। पुज्य गुरुजी ने एमएसजी सीरिज की फिल्में बनाकर बालीवुड में पहचान बनाई तो रूहानी रूबरू नाइट्स के माध्यम से युवाओं को राम नाम से जोड़ा।
साध संगत करती है चिट्ठियों का बेसब्री से इंतजार 
पूज्य गुरुजी वर्तमान में भी साध संगत का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनके द्वारा भेजी जाने वाली चिट्ठियों का साध संगत बेसब्री से इंतजार करती है। चिट्ठी को सुनकर यूं लगता है मानो गुरुजी साक्षत सत्संग पंडाल में विराजमान हो और सत्संग फरमा रहे हों। साध संगत को पूर्ण विश्वास है कि पूज्य गुरुजी जल्द ही सबके बीच बैठकर सत्संग फरमाएंगे और फिर से डेरा में राम नाम का डंका बजेगा।

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