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भगवान की भक्ति में ही शक्ति है: अनीता शास्त्री

तीसरे दिन जड़ भरत की कथा, अजामिल की कथा, नरसिंह भगवान का अवतार, हिरण्यकश्यप वध, प्रताप प्रह्लाद का प्रभु से मिलन सहित अनेक प्रसंग सुनाए

 
Mhara Hariyana News, Sirsa

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सिरसा। सतनाली गोदाम के पीछे, शमशाबादपट्टी क्षेत्र में मां भगवती इच्छा पूर्ण मंदिर में मूर्ति स्थापना के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में करवाई जा रही श्रीमद्भागवत महाज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास अनीता शास्त्री (आगरा वाले) ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है, इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है।

विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। तीसरे दिन कथा वाचक ने जड़ भरत की कथा, अजामिल की कथा, नरसिंह भगवान का अवतार, हिरण्यकश्यप वध, प्रताप प्रह्लाद का प्रभु से मिलन सहित अनेक प्रसंग सुनाए। इस दौरान झांकियां भी निकाली गई। कथा वाचक ने कहा कि हिरना कश्यप सबको आदेश दे रहा है कि भक्त प्रह्लाद को खत्म करो, भस्म करो। लकडिय़ों के चारों तरफ  जल्लाद खड़े कर दिए गए। इस दौरान जब आग का भयानक जलवा हुआ, तब भक्त प्रहलाद ने इतना ही कहा अच्छा भगवान, अच्छा मेरे राम तेरी मर्जी और भक्त प्रह्लाद बच गए।

नरसिह अवतार में हिरना कश्यप को मार कर भक्त प्रह्लाद को बचाया। शास्त्री ने कहा कि भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता-पिता की सेवा कर सकें। गो सेवा, साधु की सेवा कर सकें। इस दौरान कथावाचक ने अनेक भजन भी सुनाए, जिनपर महिला श्रद्धालुओं ने झूमते हुए आनंद लिया। राजेंद्र सैनी ने बताया कि कथा सोमवार 25 जून तक चलेगी। 26 जून को सुबह सवा 6 बजे हवन होगा, सुबह सवा 9 बजे कथा वाचन होगा और सुबह 11 बजे भंडारा होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे। सैनी ने बताया कि कथा का समय सांय 3 बजे से 6 बजे तक रहेगा। उन्होंने सभी धर्मपे्रमी सज्जनों से आह्वान किया कि वे कथा श्रवण कर पुण्य के भागी बनें।