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कल है विनायक चतुर्थी, गणपति बप्पा को मनाने के लिए करें ये काम

Tomorrow is Vinayaka Chaturthi, do this work to celebrate Ganpati Bappa
 
कल है विनायक चतुर्थी, गणपति बप्पा को मनाने के लिए करें ये काम 

नई दिल्ली। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी Vinayak Chaturthi  कहते हैं। फाल्गुन विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2023 falgun) वीरवार 23 फरवरी को है। यह तिथि गणेश भगवान को समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से गणेश  जी शीघ्र प्रसन्न हो जाते है और मनोवांछित फल देते हैं।  लेकिन व्रत की कुछ गलतियां विनायक (vinayak chaturthi ke din kya na karen) को नाराज भी कर देती हैं। इसलिए इस दिन भूलकर भी ये गलतियां नहीं करनी चाहिए।

विनायक चतुर्थी पर न करें ये काम 
1. विनायक चतुर्थी Vinayak Chaturthi के दिन गणेशजी के निमित्त जलाए गए दीपक की बार-बार जगह नहीं बदलनी चाहिए। वहीं दीपक गणेशजी के आसन पर भी नहीं रखना चाहिए।
2. विनायक चतुर्थी Vinayak Chaturthi के दिन जिस जगह गणेशजी की स्थापना की जाती है और उनका आह्वान किया जाता है, उस जगह को सुनसान नहीं होने देना चाहिए। इस दिन मन वचन से खुद को शुद्ध रखें। इसके अलावा इस दिन ब्रह्मचर्य का ध्यान रखना चाहिए।

3. गणेशजी की पूजा में तुलसीदल का इस्तेमाल न करें, इससे विनायक रूष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही इस दिन काला रंग धारण करने से बचें।
4. विनायक चतुर्थी के दिन फलाहार में नमक का इस्तेमाल न करें। इसे नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।


विनायक चतुर्थी पूजा विधिः 
पुरोहितों के अनुसार विनायक चतुर्थी व्रत के दिन इस तरह से पूजा-पाठ करना चाहिए। विनायक चतुर्थी की पूजा मध्याह्न में होती है, उसके अनुसार 23 फरवरी को गणपति की पूजा 11.25 एएम से 1.43 के बीच के समय करना चाहिए।

1. सुबह उठकर सबसे पहले स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. घर के पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर गणेशजी को आसन दें।

3. गणेशजी को पीले फूलों की माला अर्पित करें, धूप, दीप, नैवेद्य, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें।
4. गणपति को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं और व्रत कथा पढ़कर विनायक की आरती करें।
5. विनायक चतुर्थी की रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।

कॅरियर में सफलता, शत्रु को परास्त करने, संकट निवारण आदि के लिए इन मंत्रों का जाप करें
1. ॐ गं गणपतये नम:।
2. वक्रतुण्डाय हुं।
3. सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नमः
4. ॐ मेघोत्काय स्वाहा।
5. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
6. ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।