20 अप्रैल को है वैशाख अमावस्या, स्नान-दान के साथ नई शुरुआत और खरीदारी के लिए शुभ अवसर
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Mhara Hariyana News, New Delhi, नई दिल्ली। 20 अप्रैल को स्नान-दान की वैशाख अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन चार बड़े शुभ योग बन रहे हैं। जिससे इस पर्व की शुभता और अधिक बढ़ेगी। इसी दिन शनिदेव के साथ ही शिवजी और पितरों की पूजा की जाएगी। वैशाख अमावस्या पर जरुरतमंद लोगों को दान देने की परंपरा है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार वैशाख अमावस्या Vaishakh Amavshya पर इस बार केदार, सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और मानस नाम के शुभ योग बन रहे हैं। सूर्य, गुरु, शुक्र और शनि, ये चार ग्रह खुद की राशियों में रहेंगे। सितारों की इस शुभ स्थिति में इस पर्व पर किए गए शुभ कामों का फल और भी बढ़ जाएगा।
खरीदारी और नई शुरुआत का मुहूर्त
वैशाख अमावस्या Vaishakh Amavshya पर तिथि, वार और नक्षत्र से सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। ये योग हर तरह की खरीदारी के लिए शुभ रहेगा। इस शुभ योग के चलते नौकरी और बिजनेस में की गई नई शुरुआत में सफलता मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी। वहीं, अन्य ग्रहों की स्थिति भी इस दिन किए गए कामों का शुभ फल और बढ़ाएगी।
20 अप्रैल को स्नान-दान की वैशाख अमावस्या
20 अप्रैल का सूर्योदय अमावस्या Amavshya तिथि में होगा। ये तिथि सुबह तकरीबन 10 बजे तक रहेगी, इसलिए इस पर्व में सुबह तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान-दान किया जाएगा। इस दिन किए गए स्नान-दान से कई गुना पुण्य फल मिलता है। इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी रहेगा, लेकिन भारत में नहीं दिखने से इसका धार्मिक महत्व भी नहीं रहेगा।
वैशाख की अमावस्या Vaishakh Amavshya पर भगवान भोलेनाथ के साथ ही श्राद्ध और पितृ पूजा करने से पितर संतुष्ट हो जाते हैं। जाने-अनजाने में जो गलती हो, उसके लिए इस दिन पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए। साथ ही सूर्यदेव को जल अर्पण करके तुलसी पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए।
सालों में एक बार बनता है ऐसा संयोग
ज्योतिषाचार्य डॉ. मिश्र के मुताबिक हर महीने अमावस्या Amavshya आती है, लेकिन ग्रहों की चाल में लगातार बदलाव होता रहता है। साथ ही तिथि, वार और नक्षत्र भी आगे-पीछे होते हैं। ये ही वजह है कि कई सालों में ऐसा होता है। जब वैशाख मास Vaishakh month की अमावस्या Amavshya पर केदार, सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और मानस योग एक साथ बनते हैं। ये संयोग स्नान-दान के लिए शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन नदियों, तीर्थों में स्नान, गोदान, अन्नदान, ब्राह्मण भोजन, वस्त्र दान करना पुण्य फलदायी माना जाता है।