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धर्म शिक्षा के अभाव में विधर्मियों के चंगुल में फंस रही युवा पीढ़ी: अमृता आर्या

आर्य समाज मंदिर में मासिक सत्ंसग आयोजित
 
 
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सिरसा। आर्य समाज सिरसा की पावन भूमि पर प्रत्येक माह की भांति इस माह भी मासिक सत्संग का आयोजन किया गया। यज्ञ के माध्यम से मुख्य यजमान राजेश सेठी एवं हरीश शर्मा पत्नी सहित राजकुमार शास्त्री के ब्रह्मत्व में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शास्त्री ने सुमधुर भजन सबका भला करो भगवान सब पर दया करो भगवान, सब पर कृपा करो भगवान, सबका सब विधि हो कल्याण गाया।

तत्पश्चात् आर्यजगत की सुविख्यात भजनोपदेशिका अमृता आर्या ने नित्य करके हवन कर प्रभो का भजन। सफल जीवन बनाले तू करके यत्न गाया। पुन: अमृता आर्या ने कहा कि मानव जीवन के चार उद्देश्य हैं, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। सभी अभिभावकों को अपनी संतानों को स्वयं के सत्य सनातन धर्म के बारे में बताना चाहिए। धर्म शिक्षा के अभाव में आज युवा पीढ़ी विधर्मियों के चंगुल में फंसती जा रही है। धर्म वह है, जो प्रत्येक जीव पर स्नेह का वर्षा करता हो। मन, वाणी, कर्म से सदैव संसार व राष्ट्र की उन्नति चाहता हो। सद्गुणों का धारण व दुर्गुणों का त्याग करना धर्म है। कभी भी व्यक्ति को पाखण्डियों के चक्कर में नहीं पडऩा चाहिए, क्योंकि जो तांत्रिकों के इर्द-गिर्द जाता है, उसका जीवन का समूल नाश हो जाता है। यदि आप ढोंगी-पाखंडी से दूर रहना चाहते हैं तो महर्षि दयानंद सरस्वती कृत अमर ग्रंथ सत्यार्थप्रकाश का स्वाध्याय निरंतर करें।

तदुपरांत आर्यसमाज सिरसा के प्रधान पद पर प्रतिष्ठित अशोक वर्मा ने आगन्तुक दर्शकों व श्रोताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया और प्रेमपूर्वक आग्रह किया कि मनुष्य को जाति व मजहब से उठकर राष्ट्र का कल्याण हेतु हमेशा तत्पर रहना चाहिए। पशु जाति, पक्षी जाति, कीट पतंग की जाति ठीक इसी प्रकार मानव जाति है। हम सभी मानव जाति हैं। अत: सभी के लिए हृदय में प्रेम अपार रखिए जीवन आनंदमय व सुखमय रहेगा। इस अवसर पर आर्यसमाज के मंत्री ओम प्रकाश खर्रा, कोषाध्यक्ष मा. हवा सिंह, लेखा निरीक्षक राजेन्द्र चाडीवाल, सुरेश शेरडिया, शमशेर सिंह आर्य, उर्वशी, इन्द्रपाल, ऋषि किशोर खर्रा आदि उपस्थित रहे।