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पांच साल में flood control के लिए जारी किए बीस अरब रुपये, नदियों के तटबंध आज भी कच्चे

 
पांच साल में flood control के लिए जारी किए बीस अरब रुपये, नदियों के तटबंध आज भी कच्चे

Mhara Hariyana News, Chandigarh
Haryana सिंचाई विभाग के माध्यम से flood control के लिए पिछले पांच साल में दो हजार Crore (बीस अरब) रुपये से अधिक खर्च कर चुका है। इसके बावजूद बाढ़ का स्थायी समाधान नजर नहीं आ रहा। अधिक बारिश होते ही नदियां तटबंध तोड़कर आबादी का रुख कर लेती हैं। 1978 की बाढ़ में Yamuna नदी का तटबंध बनाया गया था जो आज भी पूरी तरह से कच्चा है। यही हाल घग्गर नदी का है। कहीं-कहीं पत्थरों की तारबंदी करके अस्थायी उपाय किए जाते हैं, जो दो-तीन साल में बह जाते हैं।

Yamuna और घग्गर में आती है बाढ़
Haryana में Yamuna व घग्गर नदी में अधिक बारिश के बाद बाढ़ आ जाती है। Yamuna नदी में हथनी कुंड बैराज में अधिक पानी होने पर नहरों में क्षमता से अधिक पानी छोड़ दिया जाता है। Yamuna नदी Yamunaनगर जिले से शुरू होकर Haryana में मुरथल के बाद दिल्ली में प्रवेश करती है। 
बाद में पलवल हथीन के इलाके में और फिर Haryana में प्रवेश करती है। इसका करीब 200 किलोमीटर से अधिक लंबा क्षेत्र Haryana में आता है। Yamunaनगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत व सोनीपत सहित फरीदाबाद के कुछ क्षेत्रों में पत्थर लगाकर इसके तटबंधों को अलग-अलग जगह मजबूती का प्रयास किया जाता है।

flood control के लिए 168 परियोजनाएं 
घग्गर नदी पंचकूला क्षेत्र से शुरू होकर अंबाला, कैथल, फतेहाबाद व सिरसा जिलों से होते हुए राजस्थान तक जाती है। दोनों नदियों के किनारों पर पत्थर लगाने के कार्य पर ही हजारों Crore रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस समय भी लगभग 168 परियोजनाएं flood control के लिए चल रही हैं। 
फिर भी तीन दिन की बारिश भी ये नदियां झेल नहीं पातीं। इनेलो नेता अभय चौटाला इस बात पर सवाल उठा चुके हैं कि flood control बोर्ड की बैठकों में स्वीकृत होने वाला पैसा यदि खर्च हो जाए तो Haryana में बाढ़ जैसी स्थिति ही न आए।

तैयारियां पूरी थीं पर पानी ही ज्यादा आ गया : कमिश्नर
सिंचाई विभाग के कमिश्नर पंकज अग्रवाल का कहना है कि बाढ़ राहत के लिए लघु, मध्यम एवं लंबी अवधि की परियोजनाओं के तहत पैसा खर्च किया जाता है। इस पैसे में केवल इन नदियों पर ही काम नहीं होता, इसे पानी के स्रोतों में सुधार, निचले इलाकों में होने वाले जलभराव की निकासी आदि पर भी खर्च किया जाता है। इस बार भी तैयारियां तो पूरी थीं, पानी क्षमता से अधिक आ गया, इसी कारण नुकसान हुआ है।

flood control पर खर्च
वर्ष                      खर्च
2017-18            120 Crore
2018-19            100 Crore
2019-20            185 Crore
2020-21            190 Crore
2021-22            260 Crore
2022-23            350 Crore
2023-24            370 Crore (प्रस्तावित)
(flood control बोर्ड की 54वीं बैठक में प्रस्तुत आंकड़े)