हर दिन पांच करोड़ की ठगी: दो साल से सक्रिय गिरोह के दुबई और चीन से जुड़े तार, चौंकाने वाला सच आया सामने
Mhara Hariyana News, New Delhi : मध्य जिले की Cyber Thana Police ने निवेश के बदले मोटा मुनाफा देने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा किया है। ठग हर दिन वसूली गई पांच करोड़ रुपये की रकम को फर्जी पतों पर खोली गईं फर्जी कंपनियों के Accounts में Transfer कर विदेश भेज देते थे।
Police ने मामले में दो BTech इंजीनियरों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान सेक्टर-28, DLF फेज-1, गुरुग्राम निवासी विवेक कुमार सिंह (33) व मनीष कुमार (23), DLF फेज-3, गुरुग्राम निवासी सुहेल अकरम उर्फ सैयद अहमद (32), दिल्ली निवासी गौरव शर्मा (23) और हिंडन विहार, सेक्टर-49, नोएडा निवासी बलराम (32) के रूप में हुई है।
Police ने आरोपियों की फर्जी कंपनियों के Bank Accounts से 1.25 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। Police ने रकम को Bank में फ्रीज कर दिया है। आरोपियों के पास से 25 मोबाइल फोन, 31 सिमकार्ड, पैन, आधार, डेबिट कार्ड, पासबुक, चेकबुक, ठगी की रकम से खरीदी गई होंडा सिटी कार व भारी मात्रा में घर का सामान बरामद किया है।
विवेक और सुहेल BTech इंजीनियर हैं। दोनों दुबई और फिलीपींस में बैठे अपने आकाओं के इशारों पर भारत में काम कर रहे थे। आरोपी रोजाना करोड़ों रुपये की ठग कर विदेश भेज रहे थे। मध्य जिले की Cyber Thana Police ने मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
दो साल से सक्रिय था गिरोह
निवेश पर मोटा मुनाफा दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाले आरोपियों के Bank Accounts की जब पड़ताल की गई तो Police के होश उड़ गए। करीब दो साल से गिरोह के सदस्य लोगों को ठग रहे थे। इसके अलावा गिरोह के तार दुबई, फिलीपींस, चीन और यूक्रेन से जुड़ने का पता चला है।
विदेश में बैठे लोग निवेश, ऑनलाइन बैटिंग और सट्टे के नाम पर रकम भारत में बैठे गिरोह के सदस्यों की मदद से ठगते थे। बदले में तीन-चार फीसदी कमीशन देकर मोटी रकम खुद रख लेते थे।
Police के मुताबिक, सेक्सटॉर्शन, चाइनीज लोन एप, निवेश, ऑनलाइन बैटिंग समेत कई तरह से विदेशों में बैठे जालसाज भारतीय ठगों की मदद से ऐंठते थे। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ के बाद 50 शेल (फर्जी) कंपनियों का पता चला है।
आरोपी पहले फर्जी पतों पर कंपनी रजिस्टर्ड करवाते थे। इसके बाद यस Bank या आरबीएल Bank में चालू खाते खोल लेते थे। इन Accounts की जानकारी विदेश में बैठे जालसाजों को दी जाती थी। इसमें BTech इंजीनियर विवेक कुमार मुख्य भूमिका निभाता था।
वह टेलीग्राम और लिंक्डइन के जरिये विदेशी नागरिकों संपर्क में रहता था। विदेशी नागरिक भारतीय लोगों से ठगी करने के बाद रकम को फर्जी Accounts में घुमाकर क्रिप्टो या बिटकॉइन में विदेश ट्रांसफर कर लेते थे। फिर इसे कैश कर लेते थे। Police आरोपियों को रिमांड पर लेकर बाकी फर्जी कंपनियों और Accounts का पता लगाने का प्रयास कर रही है।