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48 सालों से भारत को वर्ल्ड कप के खिताब का इंतजार, जानिए कैसा रहा है अब तक का सफर

India has been waiting for the World Cup title for 48 years, know how the journey has been so far

 
48 सालों से भारत को वर्ल्ड कप के खिताब का इंतजार, जानिए कैसा रहा है अब तक का सफर
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13 जनवरी के साथ ही हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत होने वाली. ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला शहर में वर्ल्ड कप के सभी मुकाबले खेले जाएंगे. ये पहला मौका है जब वर्ल्ड कप दो शहरों में आयोजित हो रहा है. वहीं भारत दूसरी बार इस वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है. इस बार 16 टीमें इस वर्ल्ड कप में हिस्सा लेंगी. इन 16 टीमों के बीच 44 मुकाबले खेले जाएंगे. सभी टीमों को चार-चार टीमों के ग्रुप में बांटा गया है. 29 जनवरी को भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में फाइनल मुकाबला खेला जाएगा.


भारतीय टीम के पास मौका है कि वो 48 सालों के बाद अपनी ही जमीन पर अपने लोगों के सामने वर्ल्ड कप जीते. साल 2018 में भी भारत के पास ये मौका था लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाया. भारत ने अब तक का इकलौता वर्ल्ड खिताब साल 1975 में जीता था. इसके बाद से वो फाइनल में भी नहीं पहुंच पाया है. जिस टीम का ओलिंपिक में बोलबाला रहा वर्ल्ड कप में उसका वैसा असर नहीं रहा. वर्ल्ड कप की शुरुआत 1971 से हुई थी और तब तक भारतीय हॉकी स्वर्णिम दौर लगभग खत्म हो गया था. शुरुआती वर्ल्ड कप में फिर भी भारत का प्रदर्शन खराब नहीं था लेकिन धीरे-धीरे ये प्रदर्शन औसत से निराशाजनक हो गया.

जानिए अब तक कैसा रहा है टीम इंडिया का सफर
1971 – तीसरा स्थान

भारत ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रहा था

1973- दूसरा स्थान

भारत ने पहली फाइनल में जगह बनाई लेकिन उसे नेदरलैंड्स से उसे हार का सामना करना पड़ा. मैच 2-2 से ड्रॉ रहा लेकिन फिर पेनल्टी स्ट्रोक्स में नेदलैंड्स ने बाजी मारी

1975 – चैंपियन

भारत ने लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई और पाकिस्तान को 2-1 से हराकर पहली वर्ल्ड कप का खिताब जीता.

1978 – छठा स्थान

गत चैंपियन होने के बावजूद भारत सेमीफाइन तक की भी राह तय नहीं कर पाया.

1982 – पांचवां स्थान

भारत के मुंबई शहर को मेजबानी मिली. हालांकि भारत अपनी जमीन पर भी कमाल नहीं कर पाया.

1986 – 12वां स्थान

इंग्लैंड में हुए इस वर्ल्ड कप में भारत की खूब फजीहत हुई और वो आखिरी स्थान पर रहा.

1990 – 10वां स्थान

1994– 5वां स्थान

1998 – 9वां स्थान

2002– 10वां स्थान

2006 – 11वां स्थान

2010 – 8वां स्थान

2014– 9वां स्थान


2018 – छठा स्थान