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चेन्नई में 18 साल के Pragnanananda के स्वागत में उमड़ी भारी भीड़; फूल बरसाए, बुके और शॉल भी दिए

 
चेन्नई में 18 साल के Pragnanananda के स्वागत में उमड़ी भारी भीड़; फूल बरसाए, बुके और शॉल भी दिए

Mhara Hariyana News, New Delhi
देश के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा समय में सबसे बेहतरीन chess खिलाड़ी Pragnanananda chess World cup में सबसे युवा उपविजेता बनने के बाद अपने घर लौट आए हैं। 18 साल के Pragnanananda ने इस साल chess World cup में दुनिया के कई बेहतरीन खिलाड़ियों को हराने के बाद जमकर सुर्खियां बटोरी हैं और वह बेहद लोकप्रिय हो चुके हैं। वह जब अपने घर लौटे तो चेन्नई में लोग बड़ी संख्या में उनका इंतजार कर रहे थे। 

भीड़ के बीच उन्हें सुरक्षा के साथ ले जाया गया। इस दौरान उनके प्रशंसकों ने उन पर फूलों की बारिश की। उन्हें बुके और शॉल के साथ सम्मानित किया गया। Pragnanananda के स्वागत का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनके प्रति चेन्नई के लोगों का प्यार देखने को मिल रहा है।

Pragnanananda ने गर्मजोशी और उत्साहपूर्ण स्वागत पर प्रसन्नता व्यक्त की और उस क्षण की भव्यता को स्वीकार किया। हार्दिक कृतज्ञता के साथ, उन्होंने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो उनकी पूरी यात्रा में उनके साथ खड़े रहे, उनके प्रोत्साहन ने इन लोगों की भूमिका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

chess World cup में कमाल करने वाले Pragnanananda के माता-पिता ने भी उनकी सफलता में अहम योगदान दिया है। खासकर उनकी मां नागलक्ष्मी आज भी हर विदेशी दौरे में उनके साथ जाती हैं और अपने हाथ से खाना बनाकर उन्हें खिलाती हैं, ताकि बेटे की तबीयत ठीक रहे और उसे कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। आनंद महिंद्रा ने Pragnanananda की माता नागलक्ष्मी और पिता रमेशबाबू के सम्मान में उन्हें इलेक्ट्रिल कार देने का फैसला किया है। 

Pragnanananda ने शतंरज World cup में अपने कोच के बिना शानदार प्रदर्शन किया। मैच दर मैच वह बेहतर होते गए। फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से हारने के बाद वह chess World cup के सबसे युवा उपविजेता बने। इससे पहले उन्होंने अपने से काफी बेहतर रैंकिंग वाले दुनिया के नंबर दो खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा और दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को भी हराया। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे मुश्किल मैच हमवतन अर्जुन एरीगेसी के खिलाफ था।