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बेटी होने पर ढाई घण्टे में मुफ्त खिला दिए 20 हज़ार के गोल गप्पे

लोगों ने पैसे निकाले तो बोले-घर में लक्ष्मी आई है। आज फ्री में गोल गप्पे खाओ, जितने मर्जी खाओ।
 
बेटी होने पर ढाई घण्टे में मुफ्त खिला दिए 20 हज़ार के गोल गप्पे

Mhara Hariyana News

बेटा-बेटी में अंतर मानने वालों के लिए 'गोल गप्पे' वाला एक नजीर है। जिसने घर में बेटी होने की खुशी में करीब 20 हज़ार रुपये के गोल गप्पे फ्री खिला दिए। किस्सा डबवाली का है।

सोमवार शाम पांच बजे बठिंडा चौक पर एकाएक लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने जी भरकर तो मोनू ने दिल खोलकर गोल गप्पे खिलाए। यही उसका जीजा अजय तो बुआ का बेटा सन्नी कर रहा था। कबीर चौक, प्रेमनगर मोड़ तथा नरसिंह कालोनी में गोल गप्पे खिलाये जा रहे थे। लोगों ने पैसे निकाले तो बोले-घर में लक्ष्मी आई है। आज फ्री में गोल गप्पे खाओ, जितने मर्जी खाओ। ढाई घण्टे में शाम करीब 7.30 बजे गोल गप्पे खत्म हो गए। बता दें, यह परिवार मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है। करीब 18 वर्षों से डबवाली में गोल गप्पे का काम कर रहा है।

----सुबह 7 बजे हुई बेटी

प्रेमनगर की गली नम्बर एक निवासी मोनू ने बताया कि उसके बड़े भाई सोनू के घर आज सुबह सात बजे बेटी ने जन्म लिया। वह भाई को बधाई दे रहा था। उससे पूछा कि आज मैं फ्री में गोल गप्पे खिलाऊंगा। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा तो हम भी तैयारी में जुट गए। हमारी अजय गोल गप्पे के नाम पर चार रेहड़ी है। आज सभी पर मुफ्त गोल गप्पे खिलाये। मोनू के अनुसार उसकी भतीजी ने जन्म लिया है। यह हमारे लिए बहुत बड़ी खुशी है। क्योंकि हम लोग बेटा-बेटी में अंतर नहीं समझते। एक रेहड़ी पर करीब पांच हजार के गोल गप्पे होते हैं। उन्होंने 20 हज़ार के गोल गप्पे बेटी होने की खुशी में खिलाएं हैं।

----लोगों को समझाने के लिए ऐसा किया

मोनू का कहना है कि हम जो खुशी मना रहे हैं, उसमें पूरे शहर को शामिल क़िया। क्योंकि डबवाली हमारा पेट भरती है। हम मूल रूप से ग्वालियर के हैं। बेटी होने की खुशी प्रत्येक घर को मनानी चाहिए। लोगों की सोच बदलने के लिए हमने कुछ इस तरीके से खुशी मनाई है। क्योंकि बेटियां तो कुदरत का अनमोल तोहफा होती हैं, जिसे ऊपर वाला नसीब वालों को ही देता है।