इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग में कई गुना बढ़त का अनुमान, चार्जिंग इंफ्रा मजबूत होने का मिलेगा फायदा
Mhara Hariyana New:
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं को उम्मीद है कि पर्यावरण-अनुकूल वाहनों के बारे में उपभोक्ताओं की जागरूकता बढ़ने और सरकार के समर्थन से ईवी की मांग आने वाले समय में कई गुना बढ़ेगी. विश्व इलेक्ट्रिक वाहन दिवस के पहले ईवी विनिर्माताओं ने मांग में बढ़ोतरी के लिए बेहतर प्रदर्शन करने वाले ईवी वाहनों की पेशकश करने और ग्राहकों की जरूरत पूरा करने की आवश्यकता बताई.फिलहाल देश में कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का अनुपात सिर्फ एक प्रतिशत ही है लेकिन वर्ष 2030 तक इसके बढ़कर करीब 30 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है.
ईवी की मांग बढ़ने की उम्मीद
किआ इंडिया के मुख्य बिक्री अधिकारी मुंग-सिक सोन ने बयान में कहा, भारत में आने वाले समय में ईवी की तगड़ी मांग देखने को मिलेगी. इसकी वजह यह है कि उपभोक्ता अब पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को लेकर जागरूक हो रहे हैं और सरकार भी ईवी को अपनाने के लिए बुनियादी समर्थन दे रही है. एथर एनर्जी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तरुण मेहता ने कहा कि परिवहन के टिकाऊ साधनों की तरफ बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसकी अगुवाई इलेक्ट्रिक दोपहिया कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया को कार्बन-प्रदूषण से मुक्त करने की दिशा में ईवी सबसे बड़ी उम्मीद के तौर पर उभरे हैं. मोटोवोल्ट के संस्थापक एवं सीईओ तुषार चौधरी का मानना है कि दुनियाभर के तमाम बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों को परिवहन के टिकाऊ समाधान के तौर पर देखा जाने लगा है. उन्होंने ट्रेन के साथ इलेक्ट्रिक बसों, कारों, छोटे वाहनों एवं दोपहिया वाहनों जैसे विकल्प तैयार करने की भी जरूरत बताई. महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के सीईओ सुमन मिश्रा ने कहा कि उनकी कंपनी शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
बेहतर इंफ्रा का मिलेगा फायदा
इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बनाने और बैटरी बदलने की सेवा देने वाली कंपनियां भी भारतीय परिवहन परिदृश्य में ईवी का दखल बढ़ने को लेकर आश्वस्त हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि देश में ईवी का इस्तेमाल बढ़ाने में मजबूत चार्जिंग ढांचा अहम भूमिका निभा सकता है. चार्जिंग ढांचा के मजबूत होने से ईवी का इस्तेमाल बढ़ने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है.द एनर्जी एंड रिसोर्जेज इंस्टिट्यूट (टेरी) और इंटरनेशनल काउंसिल फॉर क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आईसीसीटी) के विशेषज्ञों ने दिल्ली में वर्ष 2024 तक 18,000 नए चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी इस दिशा में सक्रियता दिखाने की जरूरत है. टेरी के वरिष्ठ विजिटिंग फेलो आईवी राव ने कहा, फैसले लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और निजी कंपनियों को ईवी से जुड़े कारोबार स्थापित करने में मदद करने के लिए एक अलग से ईवी सेल का गठन करना शहरी व राज्य स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दर बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका साबित हो सकता है.आईसीसीटी भारत के प्रबंध निदेशक (इंडिया) अमित भट्ट ने कहा, ईवी को बढ़ावा देने के लिए मजबूत चार्जिंग बुनियादी ढांचा विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण होगा. दिल्ली में 2024 तक 18,000 नए चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना पर काम करने की दिल्ली सरकार की घोषणा इस दिशा में एक बेहतरीन कदम है. अन्य राज्यों द्वारा भी ऐसी रणनीतियां विकसित करने की जरूरत है