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Gold and Silver Rate Today: चांदी के भाव में आई तेजी, सोना खरीदना हुआ महंगा

दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 37 रुपये बढ़कर 51,071 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है.
 
दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 37 रुपये बढ़कर 51,071 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है.
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Mhara Hariyana News: 
Gold Rate Today: सोना खरीदना हुआ महंगा, चांदी के भाव में आई तेजीदिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 37 रुपये बढ़कर 51,071 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है.

दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 37 रुपये बढ़कर 51,071 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. HDFC सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी. पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,034 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.

इसके अलावा चांदी भी 90 रुपये उछलकर 56,510 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मामूली तेजी के साथ 1,723 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. जबकि, चांदी गिरावट के साथ 18.81 डॉलर प्रति औंस रह गई है.


फ्यूचर्स ट्रेड में कीमतें
फ्यूचर्स ट्रेड में सोने की कीमतें सोमवार को 79 रुपये बढ़कर 50,608 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं हैं. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर, अक्टूबर डिलीवरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट्स 79 रुपये या 0.16 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 50,608 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहे थे. यह 10,073 लोट्स के बिजनेस टर्नओवर के लिए है.

आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और ज्यादा मुद्रास्फीति की वजह से सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जानकारों के मुताबिक, सोने की कीमतें इस साल 55,000 रुपये के आंकड़े को छू सकती हैं. इसके साथ सोना अगले साल 62,000 रुपये पर पहुंच सकता है.

बता दें कि वर्ल्ड गोल्ड काउइंसिल का मानना है कि वर्तमान में ग्लोबल इकोनॉमी की जो हालत है तो उसमें बुलियन की मांग बनी रहने की पूरी संभावना है.


मांग की वजह घरेलू बाजार में कीमतों में एक सीमा से ज्यादा गिरावट का अनुमान नहीं है. वहीं विदेशी संकेतों में बदलाव दिखे तो आने वाले समय में सोने में तेज बढ़त भी देखने को मिल सकती है. यूएस डॉलर और ट्रेजरी यील्ड के बढ़ने से सोने को लेकर निवेश मांग घटी है जिससे कीमतें नीचे आई हैं.

दरअसल संकेत हैं कि फेडरल रिजर्व दरों में बढ़ोतरी को लेकर आक्रामक रुख जारी रखेगा. हाल की बढ़त बाद भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के ताजा आंकड़ों में कमजोरी के संकेत नहीं है इससे फेडरल रिजर्व अपना फोकस महंगाई को नियंत्रित करने में लगा सकता है.