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पर्यटकों के लिए 12 भाषाओं में हेल्पलाइन सुविधा शुरू, ऐसे मिलेगी हर जानकारी

Helpline facility started in 12 languages for tourists, this is how every information will be available

 
पर्यटकों के लिए 12 भाषाओं में हेल्पलाइन सुविधा शुरू, ऐसे मिलेगी हर जानकारी


Tourism Ministry Started Helpline Facility : पर्यटन मंत्रालय देश-विदेश के सभी पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए हमेशा प्रयासरत है. मंत्रालय ने पर्यटकों की सुविधा के लिए 12 भाषाओं में टोलफ्री हेल्पलाइन सुविधा (Toll Free Helpline Facility) की शुरुआत की है. इसमें 10 विदेशी भाषाएं भी शामिल हैं ताकि विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourists) की मदद की जा सके.
 
बता दें कि इस हेल्पलाइन के जरिए पर्यटन क्षेत्र की हर तरह की जानकारी प्राप्त की जा सकती है. जाने का रूट पता कर सकते हैं और किसी भी तरह परेशानी, सुरक्षा आदि को लेकर शिकायत या सूचना भी दे सकते हैं. इस नम्बर के जरिए प्रर्यटकों की सभी समस्याओं का हल किया जाएगा.


पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि देश और विदेश के पर्यटकों की सुरक्षा और बेहतर सेवाएं देने के लिए मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यटकों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण देने के लिए 10 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं सहित 12 भाषाओं में 24x7 पर्यटक सूचना-हेल्पलाइन सेवा स्थापित की है. यदि किसी पर्यटक के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो स्थिति को संभालने के लिए कानून व्यवस्था की मजबूत प्रणाली और प्रभावित पर्यटकों को संतोषजनक समाधान देने के लिए भी कदम उठाए गए हैं.

पर्यटन मंत्रालय ने टोल फ्री नंबर 1800111363 पर या शॉर्ट कोड 1363 पर 10 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं (जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, इतालवी, पुर्तगाली, रूसी, चीनी, जापानी, कोरियाई, अरबी आदि) सहित हिंदी और अंग्रेजी को मिलाकर 12 भाषाओं में एक 24x7 बहुभाषी पर्यटक सूचना-हेल्पलाइन सुविधा स्थापित की है ताकि घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए भारत में यात्रा से संबंधित सहायता प्रदान की जा सके और उन्‍हें भारत में यात्रा करते समय संकट की स्थिति में उचित मार्गदर्शन दिया जा सके. उनका हर समस्याओं को हल किया जा सके.


पर्यटन मंत्रालय के प्रयासों से आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों ने किसी न किसी रूप में पर्यटक पुलिस तैनात की है. इसके अलावा व्यापक ढांचा विकसित करने के लिए पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) ने पर्यटक पुलिस योजना पर अध्ययन शुरू किया है.