SCO सम्मेलन में पीएम मोदी और शहबाज शरीफ के बीच द्विपक्षीय वार्ता की गुंजाइश नहीं
Mhara Hariyana News
उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना नहीं है. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में भारत के पीएम मोदी (PM Modi) और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के बीच द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है. सूत्रों ने दावा किया कि इस बाबत पाकिस्तान की तरफ से भारत के पास अब तक निवेदन भी नहीं आया है.
हालांकि दोनों के बीच किसी शिष्टाचार मुलाकात की संभावना, जिसे पुल असाइड मुलाकात भी कहते हैं, पर सूत्रों का कहना है कि ये उन दोनों नेताओं के अपने रुख और इस बात निर्भर करेगा कि सभी नेता एक छत के नीचे कहां बैठते हैं या ऐसा कोई मौका बनता है या नहीं.
दोनों की बीच हो सकता है दुआ-सलाम
नेताओं के बीच शिष्टाचार दुआ-सलाम की संभावना से इंकार नहीं किया गया है. पहले भी पीएम मोदी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से एससीओ सम्मेलन के साइडलाइन पर अनौपचारिक पुल असाइड मुलाकात कर चुके हैं. शहबाज शरीफ के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पत्र लिखकर बधाई भी दी थी. प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री शरीफ से बातचीत का माहौल बनाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी.
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के तीन साल पूरे होने पर एक बार फिर कश्मीर राग अलाप दिया था. इस ओर भी ध्यान आकर्षित कर दे कि एससीओ सम्मेलन के चंद दिनों बाद ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNGA का सेशन है जिसमें विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे और संभव है कि ऐसे में सोच विचार के ही पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता ना करने का मन बनाया जा रहा हो.
समरकंद में आयोजित होगा एससीओ शिखर सम्मेलन
बता दें कि, इस बार एससीओ शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में 15 और 16 सितंबर को आयोजित होना है. इसमें शिरकत करने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी पहुंचने वाले हैं.
भले ही एससीओ (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता की संभावना ना हो मगर इस दौरान जहां एक ओर रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के खिलाफ लामबंदी के मकसद से पुतिन और जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर होगी. वहीं भारत चीन एलएसी (LAC) पर आपसी टकराव के बीच प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और चीनी राष्ट्रपति के बीच भी द्विपक्षीय मुलाकात संभावित है, जो खासी अहम रहने वाली है.