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क्या है काले ताजमहल की कहानी, जानिए अगर ये बनता तो कहां होता और कैसा दिखता?

What is the story of the Black Taj Mahal, if it was built, where would it have been and what would it look like?

 
What is the story of the Black Taj Mahal, if it was built, where would it have been and what would it look like?

Mhara Hariyana News:

सफेद संगमरमर से बने ताज महल की खुबसूरती की पूरी दुनिया दीवानी है. जब भी कोई विदेशी मेहमान हिंदुस्तान में आता है तो वो एक बार ताजमहल का दीदार करना चाहता है. हो सकता है कि आप भी आगरा में बने ताजमहल को देखने गए हो, अगर नहीं गए तो तस्वीर में जरूर देखा होगा. आप इस सफेद ताजमहल के बनने की कहानी से लेकर इसकी खुबसूरती के बारे में बहुत कुछ जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतिहास के पन्नों में इस सफेद ताजमहल के साथ एक काले ताजमहल का जिक्र भी मिलता है.


काला ताजमहल का जिक्र तो है, लेकिन यह कभी पूरा बन नहीं पाया. तो आज हम आपको बताते हैं कि इस ताजमहल की क्या कहानी है और यह कहां बनने वाला था. साथ ही जानते हैं कि यह ताजमहल किस शासक की ओर से बनाया जा रहा था और फिर इसका काम किस वजह से रुक गया. तो जानिए काले ताजमहल से जुड़ी कई खास बातें…

क्या है काले ताजमहल की कहानी…
कहा जाता है कि आगरा में निर्माण पूरा होने के बाद शाहजहां एक और ताजमहल बनवाना चाहते थे, जो पूरी तरह से काला हो. काले पत्थरों से एक ताजमहल बनवाने की उनकी ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाई. वैसे इस ताजमहल के बनाने और इसे ना बन पाने की कई तरह की वजहें बताई जाती है. अलग अलग जानकारों के इस पर अलग अलग तर्क हैं. उत्तर प्रदेश की सरकार पर बनाई गई वेबसाइट के अनुसार, शाहजहां काले संगमरमर से एक और ताजमहल बनाने की इच्छा रखते थे. बताया जाता है कि यह काफी भव्य बनने वाला था और उसकी डिजाइन ताजमहल के जैसी ही होने वाली थी.

कहां बनना था ये ताजमहल?
बता दें कि ताजमहल के पीछे यमुना नदी के पार वाले इलाके को माहताब बाग कहा जाता है. कहा जाता है कि इस माहताब बाग में ही काला ताजमहल बनाया जाना था. वहां, आज आधार भी बना हुआ है, जिसके लिए कहा जाता है कि यह काले ताजमहल के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसका काम पूरा नहीं हो पाया.

क्यों बनना था काला ताजमहल?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक ताजमहल में तो उनकी बेगम मुमताज की कब्र बनाई गई थी, लेकिन वो काले ताजमहल में खुद का मकबरा बनाना चाहते थे. इसके बाद लेकिन, शाहजहां का ये सपना पूरा नहीं हो सका क्योंकि अपने बेटे औरंगज़ेब के साथ उनका टकराव शुरू हो गया था. औरंगजेब ने शाहजहां को घर में नजरबंद कर लिया था. बता दें कि इस कहानी का जिक्र इस कहानी का ज़िक्र यूरोपीय लेखकर जेन-बैप्टाइज टेवरनियर ने किया था जो 1665 में आगरा गए थे. साथ ही एक कहानी में यह भी बताया जाता है कि ताजमहल के सामने काला ताजमहल उसकी परछाई या दूसरी छवि बनाने के लिए बनाया जा रहा था.

लेकिन, कुछ जानकारों का मानना है कि यह कहानी गलत है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. बीबीसी की रिपोर्ट में इतिहास के प्रोफेसर नजफ हैदर से बातचीत के आधार पर लिखा गया है कि काले ताजमहल की कहानी में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. ये एक मनगढ़ंत कहानी है.