Haryana Highway: हरियाणा में जल्द बनेगा एक ओर Highway, 35 मिनटों में तय होगा ढाई घंटे का सफर
Mhara Hariyana News, New Delhi इस हाइवे का सबसे ज्यादा फायदा नारायणगढ़ से काला अंब जाने वाले वाहन चालकों को होगा, क्योंकि 10 किमी के रूट पर कई लोग हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, काला अंब से अंबाला का सफर काफी कम हो जाएगा। अंबाला से मानकपुर (हरियाली ढाबा) तक हाइवे की रेंज करीब 200 बेस होगी।
हरियाणा में एक और हाइवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह ट्रैक अंबाला से कालाअंब तक 34 किमी लंबा होगा।
इस पर 620 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बनने के बाद अंबाला-काला अंब के बीच 1.45 घंटे का सफर महज 35 ट्विंकल में पूरा होगा।
हाइवे बनाने के लिए अभी करीब 4 हजार पेड़ों की कटाई का काम किया जाना बाकी है।
हालांकि वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा पेड़ों की सूची प्रधान कार्यालय (पंचकूला) को स्थानांतरित कर दी गई है, लेकिन अभी तक आशीर्वाद दर्ज नहीं किया गया है।
इस हाइवे में 3 बड़े और 147 छोटे फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। हाइवे का काम डेढ़ समय में पूरा होने की उम्मीद है।
हाइवेबनने से काला अंब मार्ग पर हादसों में कमी आएगी।
पंजाब सीमा से काला अंब तक नेशनल हाईवे पर खड़े पेड़ हाइवे के निर्माण में आड़े आ गए हैं। इनमें से ज्यादातर पेड़ हरियाली ढाबा और कालाअंब के बीच हैं।
लकड़ी विभाग के मुताबिक इन पेड़ों की सूची तो बना ली गई है, लेकिन अभी विभागाध्यक्ष की मुहर नहीं लगी है।
हाइवे बनाने वाली कंपनी ने इस रूट पर 3 प्रमुख फ्लाईओवर बनाने का काम शुरू कर दिया है।
पहले फ्लाईओवर का निर्माण गांव पतराहरी के पास एनएच-344 को पार करने के लिए किया जाएगा।
वैकल्पिक फ्लाईओवर बेगना स्वाश पर और तीसरा फ्लाईओवर रूण स्वाश पर बनाया जाएगा। इसमें से 147 छोटे-छोटे फ्लाईओवर बारिश के मुहाने और लिंक रोड पर बनाए जाएंगे।
इस हाइवे का सबसे ज्यादा फायदा नारायणगढ़ से काला अंब जाने वाले वाहन चालकों को होगा, क्योंकि 10 किमी के रूट पर कई लोग हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं।
वहीं, काला अंब से अंबाला का सफर काफी कम हो जाएगा। अंबाला से मानकपुर (हरियाली ढाबा) तक हाइवे की रेंज करीब 200 बेस होगी।
निर्माण कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक पूरे ट्रैक पर लाइटें लगाई जाएंगी। इससे रात का सफर भी आसान हो जाएगा।
यह हाइवे पंचकूला-यमुनानगर हाइवेकी तर्ज पर बनाया जाएगा।
अभी तक अंबाला से काला अंब जाने वाले लोगों को रिस्क नहीं देना पड़ता था, लेकिन हाइवे इंस्टाल होते ही उन्हें रिस्क चुकाना होगा। हाइवे ने अभी तक वें के लिए जगह तय नहीं की है