इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम में चार वर्षीय बीएड कोर्स को मान्यता
अगले शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से सिर्फ चार वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स को ही मान्यता मिलेगी। भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) ने इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। बता दें कि आरसीआई ही देश भर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में कराए जा रहे स्पेशल बीएड कोर्स को मान्यता देती है। बता दें कि आरसीआई ने अपने सर्कुलर में साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया है।
भारतीय पुनर्वास परिषद आरसीआई के सचिव विकास त्रिवेदी की ओर से जारी सर्कुलर में बताया गया है कि एनसीटीई ने नई शैक्षिणीक नीति (NEP) 2020 के तहत Integrated Teachers Education Program (ITEP) में चार वर्षीय बीएड कार्यक्रम का प्रावधान रखा है। इसके मद्देनजर आरसीआई ने भी चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को ही संचालित किए जाने का फैसला किया है। आगामी सत्र से आरसीआई की ओर से सिर्फ चार वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम की ही मान्यता दी जाएगी।
स्पेशल बीएड कोर्स में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाती है। दिव्यांग बच्चों की विशेष तरह की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही इस कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें सुनने, बोलने व अक्षमता, दृष्टि बाधित, मानसिक विकलांगता आदि दिव्यांगों के लिए सिलेबस का संचालन किया जाता है। आरसीआई ने कहा है कि जो भी संस्थान चार साल का इंटीग्रेटेड बीएड स्पेशल एजुकेशन कोर्स (एनसीटीई के चार वर्षीय आईटीईपी कोर्स की तरह) करवाना चाहते हैं, वे अगले अकादमिक सत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे।
एनसीटीई स्पेशल बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स का नया सिलेबस तैयार कर रही है। इस कोर्स को आरसीआई लागू करेगी। एनसीटीई का सिलेबस स्पेशल छात्रों की जरूरतों के अनुरूप ही डिजाइन किया जा रहा है। इस संबंध में लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. यशवंत वीरोदय का कहना है कि दो वर्षीय बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम के भविष्य को लेकर निर्णय विवि की कार्य परिषद बैठक में लिया जाएगा।