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1971 के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहा पाकिस्तान, रिकार्ड स्तर पर पहुंची महंगाई

 
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Mhara Hariyana News, New Delhi, नई दिल्ली। Pakistan economic crisis: पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। वहां महंगाई आसमान छू रही है। आर्थिक संकट के चलते लोग बेहाल है। पाकिस्तान जब 1971 में भारत से युद्ध हार गया था और बांग्लादेश अलग देश बना था। उस समय जो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति थी आज उसके बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। आर्थिक उथल-पुथल की बढ़ती चिंताओं के बीच पाकिस्तान में लगातार दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। दूध की कीमत 250 रुपए प्रति लीटर और चिकन की कीमत 780 प्रति किलो पहुंच गई है।

पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है

वहीं पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक समारोह में संबोधित करते हुए देश को दिवालिया बता चुके हैं।सियालकोट में एक समारोह को संबोधित करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि "आपने पढ़ा होगा कि पाकिस्तान दिवालिया हो रहा है या फिर डिफ़ॉल्ट या मंदी आ रही है। यह हो चुका है। हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं। हमारी समस्याओं का समाधान देश के भीतर है। IMF के पास पाकिस्तान की समस्याओं का समाधान नहीं है।"
 
नए रिकार्ड लेवल पर पहुंची महंगाई
पाकिस्तान में महंगाई दर नए रिकार्ड लेवल में पहुंचते हुए संवेदी कीमत सूचकांक (SPI) पिछले हफ्ते बढ़कर 38.42% हो गई है, जो इससे पहले वाले हफ्ते में 34.84% दर्ज की गई थी। मुख्य रूप से प्याज, चिकन, खाना पकाने के तेल और ईंधन की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है।

विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर हुआ तीन बिलियन डॉलर
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा किपाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 10 फरवरी के हफ्ते में 27.6 करोड़ डॉलर गिरकर 3.193 अरब डॉलर हो गया। इसके साथ ही देश का कुल तरल विदेशी मुद्रा भंडार 8.702 अरब डॉलर है।

 
अकेले IMF अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पर्याप्त नहीं: अर्थशास्त्री कैटरीना

वरिष्ठ अर्थशास्त्री कैटरीना एल ने कहा कि "हमारा विचार है कि अकेले IMF अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। अर्थव्यवस्था को वास्तव में लगातार और मजबूत आर्थिक प्रबंधन की जरूरत है। भले ही पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में है, मुद्रास्फीति (महंगाई दर) नवीनतम बेलआउट शर्तों के कारण अविश्वसनीय रूप से उच्च है।"