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Lohri 2024 :लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता ,जाने कब और कैसे मनाया जाता है

 
Lohri 2024 :लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता ,जाने कब और कैसे मनाया जाता है 

इस साल 14 जनवरी को लोहड़ी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस पर्व पर शाम के समय लोग तैयार होकर एक जगह इकट्ठा होते हैं। फिर आग जलाई जाती है और उसके इर्द-गिर्द डांस किया जाता है। साथ ही आग के आस-पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी भी सुनी जाती है। लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है। इसके अलावा इस दिन आग के चारों ओर नाच गाना करते हैं। इस दौरान 'सुंदर मुंदलिए' करके एक गाना भी गाया जाता है।


लोहड़ी शब्द को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि लोहड़ी शब्द लोई से उत्पन्न हुआ था, जोकि संत कबीर की पत्नी हैं। कई लोग का मानना है कि यह तिलोड़ी से उत्पन्न हुआ है, जो बाद में लोहड़ी हो गया। वहीं कुछ लोग यह मानते हैं कि लोहड़ी शब्द लोह से उत्पन्न हुआ था, जो चपाती बनाने के लिए प्रयुक्त एक उपकरण है। 

लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है। दरअसल मुगल काल में अकबर के दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में ही रहता है। कहते हैं कि दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की उस वक्त रक्षा की थी जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था। वहीं एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई थी। तभी से दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा और हर साल हर लोहड़ी पर ये कहानी सुनाई जाने लगी।