बढ़ते नशे के कारण मां की बेबसी पर चित्रकार राजपाल सुथार की पेंटिंग
Mhara Hariyana News, Sirsa
नशा रूपी सामाजिक बुराई आज गांवो से लेकर महानगरों तक पैर पसार चुकी है । जिसके शिकार सबसे ज्यादा युवा हो रहे हैं । खण्ड के गांव नीमला निवासी चित्रकार राजपाल सुथार ने पेंटिंग के माध्यम नशे से दूर रहने और नशे से पड़ने वाले प्रभाव का चित्रण किया ।
पेंटिंग के माध्यम से सुथार ने एक मां के दर्द को दिखाया है की कैसे नशा उसके आंचल को छलनी कर रहा है । मां की रोती हुई आंखे बेबस नजर आ रही की वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती। नशे का चंगुल इस प्रकार न जानें कितनी माताओं के लालो को छीन ले गया ।
किसी भी देश का भविष्य और देश की तरक्की देश के युवाओं पर टिकी होती है। देश की युवा पीढ़ी अगर गलत रास्ते चले जाए तो निश्चित तौर पर उनका जीवन अंधकार में चला जाता है। नशे ने समाज और परिवारों को बर्बाद करने मे कोई कसर नहीं छोड़ी है । माता पिता कितने ही अरमान संजोते है लेकिन बेटे जवानी में ही इस दलदल में धंसते चले जा रहे हैं ।
कुछ नशे में आदि युवा हाथों में इतनी सुइयां लगाते हुए जीवन लील रहे हैं । संस्कारों और शिक्षा को हासिए पर धकेल रहा नशा न जानें कैसा वक्त दिखायेगा । सुथार विभिन्न सामाजिक मुद्दों दहेज , शिक्षा, नशे , कोरोना पर जागरुकता के लिए अनेक पेंटिंग बना चुके हैं और विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रदर्शनी में अपना हुनर प्रदर्शित कर चुके हैं ।
विषय बहुत ही गंभीर है आप समझे और समाज को नशे से बचाने के लिए जागरुक करे 🙏
धन्यवाद
चित्रकार राजपाल सुथार