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केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ को किया बर्खास्त, भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख संजय सिंह की मान्यता भी खत्‍म

 
केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ को किया बर्खास्त, भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख संजय सिंह की मान्यता भी खत्‍म

केंद्र सरकार ने विरोध को देखते हुए नए भारतीय कुश्ती संघ को बर्खास्‍त कर दिया है। बता दें कि हाल ही में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह चुनाव जीतकर कुश्‍ती संघ के नए अध्‍यक्ष बने थे। चुनाव में पहलवान अनीता श्योराण को हार का सामना करना पड़ा था और इसके बाद महिला रेसलर साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी थी। पहलवानों के विरोध को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही कुश्‍ती संघ के नए अध्‍यक्ष संजय सिंह की मान्‍यता भी रद्द कर दी है।

भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्‍यख संजय सिंह का पहलवान लगातार विरोध कर रहे थे। भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया ने तो अपना पद्मश्री पुरस्कार तक वापस कर दिया था। इसके साथ ही पुनिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। वहीं, साक्षी मलिक ने कुश्‍ती से संन्‍यास का ऐलान कर दिया था तो हरियाणा के एक अन्‍य पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर दी थी।

ये कहा खेल मंत्रालय ने

खेल मंत्रालय ने नवगठित कुश्ती संघ को बर्खास्‍त करते हुए संजय सिंह की मान्‍यता खत्‍म कर दी है। इसके साथ ही संजय सिंह के सभी फैसलों पर रोक लगा दी है। खेल मंत्रालय ने कहा है कि अगले आदेश तक कुश्‍ती संघ की सभी गतिविधि पर रोक रहेगी। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि WFI पुराने पदाधिकारी ही सभी निर्णय ले रहे हैं। नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय के फैसले नियमों के खिलाफ हैं।

'नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का भी उल्लंघन किया'

नवनिर्वाचित कुश्‍ती संघ ने WFI के प्रावधानों के साथ ही नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का भी उल्लंघन किया है। नए अध्यक्ष फैसले लेने में मनमानी कर रहे हैं। ये सिद्धांतों के विपरीत है और इसमें पारदर्शिता भी नहीं है। निष्पक्ष खेल और पारदर्शिता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमों की पालना अहम है। एथलीट, हितधारक और जनता के बीच विश्वास कायम करना जरूरी है।