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नौजवान भारत सभा व ग्रामीण मजदूर यूनियन के आह्वान पर लोगों ने सिरसा के गांवों-कस्बों में की सड़कें जाम

 
नौजवान भारत सभा व ग्रामीण मजदूर यूनियन के आह्वान पर लोगों ने सिरसा के गांवों-कस्बों में  की सड़कें जाम                    संवाद सहयोगी , रोड़ी :
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Mhara Hariyana News:

रोड़ी क्षेत्र के कस्बा रोड़ी , लहंगेवाला, मत्तड, सुरतीया, कुरगांवाली गांवों के लोगों ने 3 घंटे के लिए सड़कें जाम करके हरियाणा सरकार की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की नीतियों के खिलाफ अपना जबर्दस्त विरोध दर्ज किया।  लोगों ने 3 घंटे के लिए सड़कें जाम कर दीं।

 Naujawan Bharat Sabha

गौरतलब है कि बीते दिनों में नौजवान भारत सभा और ग्रामीण मजदूर यूनियन द्वारा हरियाणा के सरकारी सकूलोन में शिक्षकों की भर्ती करने की मांग पर और स्कूलों के मरजर के बहाने इनको खत्म करने की सरकार की कोशिशों के खिलाफ संघर्ष छेड़ा गया था जिसके चलते स्कूलों में जल्द अध्यापकों की नियुक्ति की मांग करते हुए रोड़ी सहित चार गांवो  में बच्चों और उनके माता पिता द्वारा स्कूलों को ताले लगाकर रोष प्रदर्शन किए गए लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी जिसके विरोध में नौजवान भारत सभा और ग्रामीण मजदूर यूनियन द्वारा प्राइस कॉन्फ्रेंस करके 9 सितंबर को जिला भर में सड़के रोकने का आह्वान किया गया था जिसको आज भरपूर समर्थन मिला।

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इलाके के अन्य मजदूर व किसान संगठन भी इसके समर्थन मे आए। हरियाणा की खट्टर सरकार नई शिक्षा नीति को हरियाणा में तेजी के साथ लागू करने में जुटी हुई है जिसके कारण हरियाणा के सरकारी स्कूल अध्यापकों की भयानक कमीं के शिकार होते जा रहे हैं।

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हरियाणा बेरोजगारी में सबसे होते हुए भी सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रही । सरकारी स्कूलों में 46,459 पद खाली पड़े हैं जिनमें से 39000 तो केवल अध्यापकों के ही हैं।

लगभग एक तिहाई अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। टीजीटी अध्यापकों में तो रिक्त पदों का यह आंकड़ा 55% यानि आधे से भी ज्यादा है लेकिन लंबे समय से अध्यापकों की भर्ती नहीं की जा रही।

बेरोजगार भटक रहे नौजवानों को पक्का रोजगार उपलब्ध कराने की जगह सरकारी स्कूलों को खत्म करके रोजगार के बचे-खुचे मौके भी खत्म किए जा रहे हैं। हालात ये हैं की हरियाणा के कई स्कूलों में तो एक भी अध्यापक नहीं है और वहाँ अध्यापक भेजने की बजाए स्कूलों को ही बंद किया जा रहा है।

सिरसा के लोगों द्वारा निजीकरण की नीतियों के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर एकजुट होकर विरोध करना एक आशाजनक रुझान है जो निश्चित ही सरकारों के लिए चिंता का विषय बन रहा है और बनेगा। यदि हरियाणा सरकार अब भी अपनी इन शिक्षा विरोधी, जन विरोधी नीतियों पर रोक नहीं लगाती तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा और भविषय मेन सरकार को बड़े जन आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।  चित्र : रोड़ी क्षेत्र के अलग अलग गांवो में प्रदर्शन करते ग्रामीण